सरकार ने पेंशनर्स को बड़ा तोहफा देते हुए नोटशनल इन्क्रीमेंट का ऐलान किया है। इस नई सुविधा के तहत, रिटायरमेंट से ठीक पहले जो कर्मचारी वार्षिक वेतन वृद्धि के योग्य थे, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। इससे पेंशन की गणना में इजाफा होगा और हर महीने पेंशन राशि बढ़ जाएगी। यह फैसला खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए राहत लाएगा, जो रिटायरमेंट के करीब प्रमोशन या वेतन वृद्धि से चूक गए थे।
06 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय दिया। इसके तहत, जो कर्मचारी 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हें 1 जुलाई या 1 जनवरी को काल्पनिक वेतन वृद्धि (Notional Increment) का लाभ प्रदान किया जाएगा। यह निर्णय पेंशन की गणना में निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
DOPT का निर्देश और आदेश का पालन
DOPT (Department of Personnel and Training) ने 14 अक्टूबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सभी विभागों को निर्देश दिए।
- केंद्र सरकार और सशस्त्र बलों पर लागू: यह लाभ केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों और सशस्त्र बलों के लिए मान्य है।
- स्पष्ट निर्देश: सभी विभागों को सुनिश्चित करना होगा कि पात्र कर्मचारियों को इस आदेश का लाभ समय पर मिले।
किन कर्मचारियों को होगा लाभ?
- योग्यता:
- सेवा की न्यूनतम अर्हता पूरी हो।
- सेवानिवृत्ति के समय कार्य और आचरण संतोषजनक हो।
- सीमित लाभ:
- यह वेतन वृद्धि केवल पेंशन की गणना के लिए मान्य होगी।
- ग्रेच्युटी (Gratuity) और छुट्टी नकदीकरण (Leave Encashment) पर लागू नहीं होगी।
आदेश के मुख्य उद्देश्य और फायदे
- पेंशन में सुधार:
- पेंशन की गणना में यह लाभ सीधे तौर पर सुधार करेगा।
- सेवानिवृत्त कर्मचारी अधिक आर्थिक सुरक्षा प्राप्त करेंगे।
- सेवा के योगदान की मान्यता:
- यह कदम कर्मचारियों की सेवा के महत्व को दर्शाता है।
- ऐसे कर्मचारी, जो अब तक इस लाभ से वंचित थे, न्यायसंगत लाभ प्राप्त करेंगे।
- सरकार की संवेदनशीलता:
- यह पहल सरकार की सेवानिवृत्त कर्मचारियों के प्रति सजगता और न्यायप्रियता को दर्शाती है।
DOPT के आदेश का कार्यान्वयन
DOPT ने विभागाध्यक्षों से आग्रह किया है कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सभी शिकायतों और मामलों को समय पर हल करें। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को पत्र भी जारी किए गए हैं।
सरकार की पहल और कर्मचारियों के लिए राहत
यह निर्णय सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हित सर्वोपरि हैं। यह आदेश न केवल सेवानिवृत्त कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक है, बल्कि उनके योगदान को सम्मानित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।