डेंटल हेल्थ को नजरअंदाज करने से दांतों और मसूड़ों की समस्याएं बढ़ सकती हैं। बाबा रामदेव के बताए आयुर्वेदिक नुस्खों, जैसे फिटकरी, बबूल और नीम का उपयोग करके दांतों को मजबूत, सफेद और स्वस्थ बनाए रखें। इन घरेलू उपायों से दंत रोगों से भी बचाव होता है।
अक्सर लोग डेंटल हेल्थ को प्राथमिकता नहीं देते, जिससे समय के साथ उन्हें दांतों और मसूड़ों से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा भी दांतों की कमजोरी, मसूड़ों से खून आना, दांतों में पीलापन, मुंह से दुर्गंध, कैविटी, सेंस्टिविटी और पायरिया जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
मजबूत और सफेद दांत किसी की सुंदरता और अच्छे स्वास्थ्य की निशानी होते हैं। यदि आपके दांतों में ढीलापन है, मसूड़े कमजोर हो गए हैं या कैविटी जैसी समस्या है, तो योग गुरु बाबा रामदेव का एक विशेष आयुर्वेदिक उपाय आपकी मदद कर सकता है। यह उपाय दांतों और मसूड़ों को मजबूत, सफेद और स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। आइए जानते हैं इस आयुर्वेदिक नुस्खे के बारे में विस्तार से।
सामग्री
- फिटकरी
- सेंधा नमक
- हरड़
- बहेड़ा
- आंवला
- बबूल की छाल
- नीम की छाल
- थोड़ी लौंग
- हल्दी
कैसे तैयार करें यह नुस्खा
- सबसे पहले, फिटकरी को एक बड़े बर्तन में गर्म करें।
- इसे पानी में डालकर बाहर निकाल लें।
- उपरोक्त सभी सामग्री को बारीक पीसकर कूट लें।
- अब इन सामग्री को फिटकरी के पानी में अच्छी तरह मिलाएं।
उपयोग की विधि
इस मिश्रण को हथेली पर थोड़ी मात्रा में लें और बीच की उंगली से दांतों पर करीब पांच मिनट तक हल्के हाथों से रगड़ें। इसके बाद अच्छी तरह कुल्ला करें। यह नियमित प्रयोग आपके दांतों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखेगा।
दांतों को सफेद और मजबूत करने के अन्य घरेलू उपाय
नीम या बबूल की दातून
नीम और बबूल की टहनियों को दातून के रूप में प्रयोग करें। इन पौधों में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण दांतों को मजबूत बनाते हैं और कीटाणु रहित रखते हैं। इसी प्रकार, लौंग का प्रयोग भी किया जा सकता है। दांत दर्द होने पर लौंग का तेल या साबुत लौंग मसूड़ों पर रगड़ें। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
हल्दी और नमक का लेप
हल्दी पाउडर में थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर पेस्ट बनाएं और इस पेस्ट को दांतों और मसूड़ों पर धीरे-धीरे मसाज करें। हल्दी के एंटीसेप्टिक गुण सूजन और संक्रमण से राहत प्रदान करते हैं। इसके अलावा, त्रिफला पाउडर का पानी में घोल बनाकर कुल्ला करने से भी मसूड़ों को मजबूती मिलती है।
इन सरल आयुर्वेदिक उपायों का नियमित प्रयोग न केवल दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखेगा बल्कि दंत रोगों से बचाव भी करेगा। अपने दैनिक जीवन में इन उपायों को शामिल कर आप अपने दांतों को मजबूत और स्वस्थ रख सकते हैं।