किसी भी फसल की अच्छी पैदावर के लिए उसकी सही देखभाल करना बेहद जरुरी है।अगर बुवाई के बाद किसान सही से फसल का ध्यान न रखे,तो उसमे किट और रोग लग सकते है।जिससे उनकी पूरी फसल बर्बाद हो सकती है।ऐसे में किसानो को अपनी फसल की सही देखभाल करनी चाहिए।देश के कई क्षेत्रों में इन दिनों प्याज और लहसुन तैयार हो रही है।प्याज लहसुन की खेती के दौरान किसानो को कई बार शिकायत रहती है की उनकी पत्तिया पिली पड़ जाती है।
क्यों पड़ती है पिली
फसल के पिलापनं का कारण एव नियंत्रण की सही जानकारी नहीं मिलने के कारण किसानो को इस परेशानी से निजात पाने में बहुत समस्या होती है।इसके कारण उन्हें अच्छा उत्पादन और मुनाफा नहीं मिल पता।जिससे उनकी मेहनत बर्बाद हो जाती है।प्याज लहसुन की फसल में पीलापन के कई कारणों से हो सकती है।जिसमे मौसम परिवर्तन एक मुख्य कारण है।इसके अलावा,फसल में माहो का प्रकोप,पत्तियों पर धब्बा रोग,पानी का अधिकता अथवा नत्रजन उर्वरक की कमी भी इसका एक कारण हो सकता है।इन्ही कारण से फसल में पीलापन और पत्तिया सूखने जैसे लक्षण देखने को मिलते है।ऐसे में अगर आप भी इस समस्या से परेशान है तो इसके लिए कुछ सरल टिप्स है। आइए जानते है इनके बारे में
कैसे दूर करे पीलापन ??
फसल में नाइट्रोजन की मात्रा पूरी करने के लिए प्रति एकड़ जमीन में 1 किलोग्राम एन पि के 19.19.19 का प्रयोग करे।इसके अलावा आप सही मात्रा में यूरिया का छिड़काव कर के भी नाइट्रोजन की कमी पूरी कर सकते है।प्याज लहसुन को नियमित रूप से पानी देने की जरूरत होती है।यह जरुरी है की इसमेज्यादा पानी नहीं डाले।ज्यादा पानी के कारण पत्तिया पिली होकर मुरझा सकती है।पानी देने के बीच मिटटी को थोड़ा सूखने दे।इसके अलावा अपनी मिटटी की जाँच करे।
ऐसे करे पीलेपन को दूर
थ्रिप्स पर नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 50 किलोमीटर देहात होक मिला कर छिड़काव करे।फफूंद लगने पर 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहांत फूल स्टॉप मिला कर छिड़काव करे।अगर जड़ो में कीड़े लग रहे है तो नियंत्रण के लिए क्लोरपैरिफरोस 50 प्रतिष्ठ ई सी का प्रयोग करे। खेत में आवश्यकता से ज्यादा सिचाई करने से बचे। अगर जल भैरव की दिखाई दे रहा है तो अतिरिक्त जल का रिसाव करे।