Indian Shortest train: भारतीय रेलवे जो अपनी विशालता के लिए जानी जाती है में एक छोटी लेकिन खास ट्रेन भी शामिल है जो सिर्फ 3 कोच के साथ चलती है . यह ट्रेन न केवल अपनी छोटी यात्रा के लिए बल्कि अपनी अनोखी सेवाओं के कारण भी जानी जाती है.
ऐतिहासिक धरोहर के रूप में अंग्रेजों की देन
यह ट्रेन जिसे अंग्रेजों के जमाने में 1902 में शुरू किया गया था आज भी सेवाएं दे रही है (heritage-train). यह उन चुनिंदा ट्रेनों में से एक है जो अपनी पारंपरिक विशेषताओं को बरकरार रखते हुए आज भी यात्रियों की सेवा में समर्पित है.
देश का सबसे छोटा रेल सफर
इस ट्रेन का सफर जालौन जिले में कोंच से सरसौकी स्टेशन तक का है, जो केवल 13 किलोमीटर लंबा है (shortest-train-journey). यह भारत में सबसे छोटी दूरी का रेल सफर माना जाता है.
यात्रियों की सुविधा के लिए अनोखी सेवा
इस ट्रेन की खासियत यह है कि यदि कोई यात्री चाहे तो रास्ते में ट्रेन को रोककर उसमें सवार हो सकता है (unique-service). यह सुविधा आमतौर पर अन्य वाहनों में देखने को मिलती है लेकिन ट्रेन में इस तरह की सुविधा बेहद दुर्लभ है.
धीमी गति लेकिन लंबा सफर
इस ट्रेन की गति केवल 30 किमी प्रति घंटा है जो इसे धीमी गति की ट्रेन बनाती है (slow-speed-train). हालांकि, इसकी धीमी गति इसकी उपयोगिता को कम नहीं करती, बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए जरूरी सेवा प्रदान करती है.