Property Rule: भारतीय समाज में पारिवारिक संपत्ति को लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं. हाल ही में एक हाई कोर्ट ने इस विषय पर एक अहम फैसला सुनाया है जिसमें बहू और सास-ससुर के बीच संपत्ति विवाद का मामला था. कोर्ट ने कहा कि बहू को अपने सास-ससुर की संपत्ति में रहने का कोई विशेष अधिकार नहीं है खासकर जब उनकी मौजूदगी से घर का माहौल खराब होता हो. यह निर्णय उन बुजुर्गों के लिए राहत भरा साबित हुआ है जो अपने जीवन के इस पड़ाव पर शांति चाहते हैं.
कानूनी प्रावधान और बहू का दावा
कोर्ट के अनुसार, घरेलू हिंसा अधिनियम की धाराओं के तहत, अगर बहू की मौजूदगी से सास-ससुर की दिनचर्या में बाधा पहुंचती है या उनके जीवन में किसी प्रकार की अशांति उत्पन्न होती है, तो उन्हें बहू को अपनी संपत्ति से बाहर करने का पूरा हक है. इस प्रकार के फैसले से यह स्पष्ट होता है कि कानून बुजुर्गों के शांतिपूर्ण जीवन को महत्व देता है और उन्हें उनकी संपत्ति में पूर्ण अधिकार है.
कोर्ट का निर्णय और भविष्य की दिशा
इस मामले में कोर्ट ने यह भी ध्यान दिलाया कि यदि बहू और सास-ससुर के बीच संबंध विषाक्त हो चुके हैं, तो उन्हें अलग आवासीय व्यवस्था करनी चाहिए. इससे न केवल पारिवारिक सद्भाव बढ़ेगा, बल्कि कानूनी तनाव से भी मुक्ति मिलेगी. कोर्ट ने आगे यह सुझाव दिया कि इस तरह के मामलों में वैकल्पिक आवासीय सुविधाएं मुहैया कराने में सरकारी नीतियों की भी भूमिका होनी चाहिए, ताकि बहू और सास-ससुर दोनों के हित सुरक्षित रहें.