RBI Update – आरबीआई (Reserve Bank Of India) की नई होम लोन गाइडलाइंस से लोन लेने वालों को राहत मिली है, जिससे वे बेहतर शर्तों पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि, इन बदलावों के कारण बैंकों को कई सौ करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है, जिससे उनके मुनाफे पर असर पड़ा है-
भारतीय रिजर्व बैंक ने सालाना निरीक्षण में पाया कि कुछ बैंक ग्राहकों से ब्याज वसूलते समय गलत तरीके अपना रहे थे. इस पर केंद्रीय बैंक ने नई गाइडलाइन (Central Bank New Guideline) जारी की है. नए नियमों के तहत लोन (loan) देने वाले सभी बैंकों और संस्थाओं को ग्राहकों से ब्याज वसूलने के लिए धनराशि के वास्तविक वितरण तिथि का पालन करना अनिवार्य बना दिया गया है.
प्रमुख बैंकों का क्या है प्रोसेसिंग फीस-
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) की ओर से जारी नई गाइडलाइन के बाद लोन लेने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है, हालांकि बैंकों को कई सौ करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है. आइए बताते हैं कि भारतीय स्टेट बैंक ( एसबीआई ), एचडीएफसी बैंक , आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank ) के होम लोन के प्रोसेसिंग शुल्क क्या हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) होम लोन पर अपने ग्राहकों से प्रोसेसिंग फीस के तौर पर लोन की राशि का 0.35% प्लस लागू जीएसटी वसूलता है, जो न्यूनतम 2,000 रुपये प्लस जीएसटी (GST) और अधिकतम 10,000 रुपये प्लस लागू जीएसटी है.
वहीं, दिग्गज निजी बैंक HDFC Bank लोन की राशि पर अधिकतम 1% और न्यूनतम 7500 रुपये प्रोसेसिंग फीस के तौर पर वसूलता है.
इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ऋण राशि का 0.50% – 2.00% या 3000 रुपये जो भी अधिक हो वसूलता है.
पंजाब नेशनल बैंक अपने ग्राहकों से लोन की राशि पर 1% + जीएसटी का प्रोसेसिंग चार्ज वसूलता है.
लोन मंजूर होने की तारीख से वसूला जा रहा था ब्याज-
आरबीआई (RBI) के ऑनसाइट निरीक्षण में यह पाया गया कि कुछ ऋणदाता लोन पर ब्याज लोन मंजूरी की तारीख से नहीं, बल्कि लोन स्वीकृत होने की तारीख से वसूल कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त, कुछ मामलों में चेक के जरिए लोन (loan) वितरित किया गया, जबकि ब्याज चेक की तारीख से वसूला गया, जो कि बाद में ग्राहक को सौंपा गया. इस मुद्दे पर आरबीआई ने संस्थानों को निर्देश दिया कि वे चेक जारी करने के बजाय ऑनलाइन खाता हस्तांतरण के माध्यम से लोन वितरित करें.