यूपी सोलर एक्सपो में डीसीआर और टॉपकॉन जैसी आधुनिक सोलर तकनीकों की चमक देखने को मिली। लुमिनस, सनोरा, ईएन आईकॉन और हस्क नेचर जैसी कंपनियों ने अपने इनोवेटिव सोलर प्रोडक्ट्स पेश किए। गरीबों के लिए सस्ते पैनल और घर बैठे सर्विस जैसी पहलें भी रहीं चर्चा में, जिससे सौर ऊर्जा को नई दिशा मिली।
उत्तर प्रदेश में आयोजित सोलर एक्सपो इस बार नई तकनीकों और आधुनिक ऊर्जा समाधानों की झलक से भरपूर रहा। एक्सपो में कई प्रमुख कंपनियों ने अपने अत्याधुनिक सोलर उत्पाद प्रस्तुत किए, जिनमें डीसीआर और टॉपकॉन जैसी नवीनतम सोलर पैनल तकनीकें खास चर्चा में रहीं। यह आयोजन “पीएम घर सूर्य योजना” के तहत बढ़ती सौर ऊर्जा की मांग और घरेलू उत्पादन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर आयोजित किया गया।
डीसीआर सोलर पैनल
डीसीआर (Domestic Content Requirement) सोलर पैनल पूरी तरह भारत में निर्मित उत्पाद हैं। इनका उद्देश्य सोलर मिशन में स्वदेशी निर्माण को प्रोत्साहित करना और आयात पर निर्भरता घटाना है। इस श्रेणी के पैनल न केवल ऊर्जा उत्पादन में सक्षम हैं, बल्कि “मेक इन इंडिया” पहल को भी मजबूती देते हैं। यूपी की कई कंपनियां, जैसे लुमिनस और सनोरा, अपने डीसीआर सोलर पैनल्स को लेकर एक्सपो में शामिल हुईं।
इन पैनलों की खासियत यह है कि इन्हें स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप डिजाइन किया गया है, जिससे ये मौसम के उतार-चढ़ाव में भी स्थिर प्रदर्शन करते हैं। इनकी गुणवत्ता और टिकाऊपन घरेलू और ग्रामीण उपभोक्ताओं के बीच भरोसा बढ़ा रही है।
टॉपकॉन टेक्नोलॉजी
टॉपकॉन (Tunnel Oxide Passivated Contact) सोलर पैनल आज की सबसे आधुनिक सोलर टेक्नोलॉजी में गिने जाते हैं। यह हाफ कट सेल डिज़ाइन पर आधारित पैनल हैं। इसका अर्थ है कि यदि किसी हिस्से पर छाया पड़ जाती है, तो केवल वही सेल काम करना बंद करेगा, जबकि बाकी पैनल सूरज की रोशनी से बिजली बनाना जारी रखेगा।
इस तकनीक की बड़ी विशेषता इसकी उच्च दक्षता (High Efficiency) और कम ऊर्जा हानि (Low Energy Loss) है। इसकी वजह से उपभोक्ताओं को सीमित जगह में भी अधिक बिजली उत्पादन का लाभ मिलता है। एक्सपो में इसे देखने आए निवेशक और घरेलू उपयोगकर्ता इसे “भविष्य की टेक्नोलॉजी” कहकर संबोधित कर रहे थे।
घर बैठे सर्विस की सुविधा
उपभोक्ताओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए कई कंपनियों ने डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी जोर दिया है। उदाहरण के तौर पर, ईएन आईकॉन ने अपने उत्पादों में क्यूआर कोड फीचर पेश किया है। इसके जरिए ग्राहक सीधे कंपनी से ऑनलाइन जुड़ सकते हैं, शिकायत दर्ज करा सकते हैं और सात दिनों के भीतर समाधान पा सकते हैं। यह “घर बैठे सर्विस” का नया मॉडल ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में तेजी से लोकप्रिय हो सकता है।
हस्क नेचर कंपनी ने भी इस एक्सपो में “बीम” नामक एक नई घरेलू सोलर सर्विस लॉन्च की। कंपनी की चीफ कमर्शल ऑफिसर अनुभा शुक्ला ने बताया कि बीम का उद्देश्य सोलर उपयोगकर्ताओं को घर बैठे इंस्टॉलेशन, सपोर्ट और मेंटेनेंस जैसी सेवाएं देने का है। इससे सौर ऊर्जा अपनाने की गति और भरोसा दोनों बढ़ेंगे।
गरीबों के लिए सस्ती सोलर पहल
एक्सपो में इस्ट्रन ऑटो एंड पावर ने गरीब और ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए बेहद किफायती सोलर पैनल प्रस्तुत किया है। इसकी कीमत केवल चार से पांच हजार रुपये रखी गई है। साथ में एक पांच सौ रुपये का कंट्रोलर जोड़ना होगा, जिससे एक बल्ब और पंखा आराम से चल सकता है। यह पहल ग्रामीण इलाकों में ऊर्जा पहुंचाने की दिशा में बड़ा कदम है।
देशी हाइब्रिड बैटरी की नई खोज
इवल्व कंपनी ने अपने देश में विकसित हाइब्रिड बैटरी और सोलर सिस्टम की पेशकश की, जो ऑनग्रिड और ऑफग्रिड दोनों मोड में काम कर सकते हैं। इसका फायदा यह है कि उपभोक्ता बिजली की उपलब्धता और जरूरत के हिसाब से अपने घर की ऊर्जा व्यवस्था को लचीले तरीके से चला सकता है।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
नेडा (NEDA) के काउंटर पर लोगों को सोलर नीति, सब्सिडी योजनाओं और इंस्टॉलेशन प्रक्रियाओं से जुड़ी सारी जानकारी दी गई। यह आयोजन स्पष्ट संदेश देता है कि उत्तर प्रदेश अब सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
