बॉलीवुड की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में गिनी जाने वाली “शोले” आज भी लोगों के दिलों पर राज करती है. 1975 में रिलीज हुई इस फिल्म का हर किरदार और डायलॉग दर्शकों की यादों में बसा हुआ है. गब्बर सिंह, जय-वीरू, बसंती और ठाकुर जैसे किरदारों ने अपने आप में एक अलग पहचान बनाई है. फिल्म की अपार सफलता ने इसे भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमर बना दिया है.
शूटिंग के दौरान हुई अनोखी घटनाएं
फिल्म “शोले” की शूटिंग के दौरान कई अनोखी घटनाएं हुईं जो आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय हैं. इन घटनाओं में से एक दिलचस्प किस्सा जुड़ा है अमिताभ बच्चन और उनकी को-स्टार जया बच्चन (Amitabh and Jaya Bachchan shooting incidents) के साथ. फिल्म के बीच ही दोनों की शादी हुई और उस दौरान जया बच्चन गर्भवती थीं. इसी कारण उनके कुछ सीन्स की शूटिंग जल्दी-जल्दी में की गई ताकि फिल्म की गुणवत्ता में कोई कमी न आए.
जया बच्चन का बेबी बंप और सफेद साड़ी
शूटिंग के दौरान जया बच्चन अपने बेबी बंप को सफेद साड़ी से छुपाती नजर आईं. शोले के कुछ दृश्यों में सफेद साड़ी का यह प्रयोग (white saree to hide baby bump) खासा प्रभावी रहा. हालांकि, जया बच्चन के कुछ सीन्स में उनका बेबी बंप हल्का दिखाई भी देता है, जो इस फिल्म के दिलचस्प किस्सों में से एक बन गया.
अमिताभ और जया
शोले के शूटिंग के बीच अमिताभ बच्चन और जया बच्चन का रिश्ता और भी गहरा हुआ. दोनों के बीच एक खास प्रेम (love story of Amitabh and Jaya) पनपने लगा और उन्होंने विवाह का निर्णय लिया. जया में वह सारे गुण थे, जो अमिताभ को एक साथी में चाहिए थे. इस तरह, फिल्म की शूटिंग के बीच ही दोनों ने शादी कर ली, और भारतीय फिल्म जगत में एक आइकॉनिक जोड़ी का जन्म हुआ.
फिल्म में गब्बर का खौफ और जय-वीरू की दोस्ती
शोले के गब्बर सिंह के खौफनाक किरदार और जय-वीरू की दोस्ती ने इस फिल्म को अलग ही मुकाम दिया. आज भी गब्बर का “कितने आदमी थे?” वाला डायलॉग (famous Gabbar dialogues) लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है. इसी तरह, जय-वीरू की जोड़ी ने दोस्ती का एक नया मापदंड स्थापित किया और लोगों को सच्ची दोस्ती का मतलब सिखाया.
शोले की लोकप्रियता का राज और इसके डायलॉग्स
शोले के डायलॉग्स इतने मशहूर हैं कि आज भी लोग इन्हें दोहराते हैं. फिल्म के संवाद लेखकों ने इस तरह के डायलॉग्स लिखे, जो हर किरदार की पहचान (iconic Sholay dialogues) बन गए. इन डायलॉग्स ने शोले को भारतीय सिनेमा की एतिहासिक फिल्मों में शामिल कर दिया और इसे सदाबहार बना दिया.
शोले जैसा जादू फिर कभी नहीं बना
आज भी शोले जैसी फिल्म बनाना बॉलीवुड के लिए चुनौतीपूर्ण है. इस फिल्म के हर किरदार, हर सीन और हर डायलॉग ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है. “शोले” के जैसा जादू शायद फिर कभी देखने को न मिले, लेकिन इस फिल्म की कहानियां और इसके अनसुने किस्से हमेशा भारतीय सिनेमा का हिस्सा रहेंगे.