नई दिल्ली, 11 अगस्त — अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की है कि भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 25% अतिरिक्त टैक्स लगाया जाएगा। इसका कारण भारत का रूस से तेल खरीदना जारी रखना बताया गया है। इस नई पॉलिसी के चलते इस्पात (स्टील) और एल्यूमिनियम जैसे कुछ उत्पादों पर कुल मिलाकर 50% तक आयात शुल्क लग सकता है, जिससे भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात महंगा हो जाएगा।
कंपनियों के लिए नई रणनीति
उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक, इस टैक्स वृद्धि से बचने के लिए भारतीय कंपनियां अपने उत्पादन केंद्र UAE और सऊदी अरब में स्थापित करने पर विचार कर रही हैं। कारण साफ है—इन देशों से अमेरिका को जाने वाले उत्पादों पर सिर्फ 10% टैक्स लगता है, जो मौजूदा भारतीय निर्यात पर प्रस्तावित 50% टैक्स की तुलना में काफी कम है।
उदाहरण के तौर पर, Kitex Garments जैसी कंपनियां, जो अमेरिका को बड़े पैमाने पर वस्त्र निर्यात करती हैं, इस टैक्स वृद्धि से सीधा प्रभावित होंगी। यही वजह है कि दुबई इंडस्ट्रियल सिटी और KIZAD जैसे UAE के इंडस्ट्रियल जोन भारतीय कंपनियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं।
CEPA समझौते के फायदे
भारत और UAE के बीच हुए Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA) के तहत भारतीय उत्पादों पर UAE में सिर्फ 5% या कई मामलों में शून्य टैक्स लगता है। साथ ही, UAE के फ्री ज़ोन से दूसरे देशों को माल भेजने पर कई बार कोई टैक्स ही नहीं लगता।
IBPC दुबई के महासचिव डॉ. साहित्य चतुर्वेदी का मानना है कि “यह भारतीय कंपनियों के लिए निवेश का सही समय है, क्योंकि UAE से निर्यात करने पर टैक्स बेहद कम लगता है।”
सिर्फ ट्रांज़िट नहीं, असली उत्पादन
हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि UAE को सिर्फ ट्रांज़िट पॉइंट के रूप में इस्तेमाल करना जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि अमेरिका भविष्य में ऐसे टैक्स बचाव तरीकों पर सख्ती कर सकता है। Barjeel Geojit Financial Services के CEO कृष्णन रामचंद्रन का कहना है कि “अगर असली उत्पादन और मूल्य-वृद्धि UAE में होती है, तो अमेरिका में उस पर केवल 10% टैक्स लगेगा—और यही सही रणनीति है।”
सफल उदाहरण – परफ्यूम इंडस्ट्री
UAE से अमेरिका को परफ्यूम निर्यात पहले से ही 10% टैक्स दर पर हो रहा है और यह व्यापार सामान्य रूप से चल रहा है। Jimmy Aventus के मालिक Jimmy Chacko ने कहा कि वे अक्टूबर से दिसंबर के व्यस्त सीजन की तैयारी कर रहे हैं, जिससे स्पष्ट है कि सही लोकेशन से निर्यात करने पर बिज़नेस पर असर कम होता है।
निष्कर्ष तालिका
कारण | स्थिति |
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ट्रंप की टैक्स धमकी | भारत से अमेरिका को निर्यात महंगा होने का खतरा |
समाधान | UAE/सऊदी में फैक्ट्री लगाकर वहीं से निर्यात |
लाभ | कम टैक्स, CEPA फायदे, मजबूत लॉजिस्टिक्स |
खतरा | केवल ट्रांज़िट आधारित टैक्स बचत रणनीति भविष्य में प्रभावित हो सकती है |