सरकारी कर्मचारियों के लिए एक राहतभरी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है, जिससे इस आयोग की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसका मतलब है कि अब न सिर्फ कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में बदलाव होगा, बल्कि भत्तों, बोनस, ग्रेच्युटी और परफॉर्मेंस इंसेंटिव जैसी कई वित्तीय सुविधाओं की भी समीक्षा की जाएगी।
🔹 8वें वेतन आयोग की कमेटी का गठन
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, न्यायमूर्ति रंजना देसाई आयोग की अध्यक्ष होंगी। प्रोफेसर पुलक घोष को अंशकालिक सदस्य और पंकज जैन को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में रहेगा और इसे अपनी सिफारिशें सरकार को 18 महीनों के भीतर सौंपनी होंगी। जरूरत पड़ने पर आयोग अंतरिम रिपोर्ट (Interim Report) भी पेश कर सकता है।
🔹 किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के तहत आने वाले सभी प्रमुख कर्मचारियों और अधिकारियों पर लागू होगा, जिनमें शामिल हैं:
- केंद्र सरकार के औद्योगिक और गैर-औद्योगिक कर्मचारी
- अखिल भारतीय सेवाओं (IAS, IPS, IFS) के अधिकारी
- सशस्त्र बलों के जवान और अधिकारी
- केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी
- भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग (CAG) के कर्मचारी
- संसद द्वारा स्थापित नियामक निकायों के सदस्य (RBI को छोड़कर)
- सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और केंद्र शासित प्रदेशों के न्यायिक अधिकारी
🔹 आयोग किन मुद्दों पर करेगा समीक्षा?
सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग का दायरा काफी व्यापक है। यह सिर्फ वेतन या पेंशन तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि निम्न बिंदुओं पर फोकस करेगा —
💰 1. सैलरी और अन्य बेनिफिट्स में बदलाव
आयोग मौजूदा वेतन ढांचे, भत्तों और अन्य लाभों की समीक्षा करेगा और आवश्यक व व्यावहारिक संशोधन सुझाएगा ताकि कर्मचारियों की आय संरचना संतुलित और उचित बन सके।
🎁 2. बोनस और परफॉर्मेंस इंसेंटिव प्लान (PLI)
वर्तमान बोनस सिस्टम की समीक्षा की जाएगी। साथ ही, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के लिए नई प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन योजना (Performance-Based Incentive Model) लाने पर भी सिफारिश हो सकती है।
🏢 3. भत्तों का पुनर्गठन (Restructuring of Allowances)
विभिन्न भत्तों की संख्या और शर्तों की जांच कर आयोग उनकी तर्कसंगतता की समीक्षा करेगा और आवश्यकतानुसार भत्तों के पुनर्गठन की सिफारिश करेगा।
🧾 4. ग्रेच्युटी और पेंशन रिव्यू
आयोग नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों की डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी (DCRG) नीति की समीक्षा करेगा। साथ ही, NPS से बाहर के कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी में सुधार के सुझाव भी दिए जाएंगे।
🔹 देश की अर्थव्यवस्था और राज्यों पर असर का ध्यान
सरकार ने स्पष्ट किया है कि आयोग को अपनी सिफारिशें तैयार करते समय देश की आर्थिक स्थिति, राजकोषीय संतुलन और राज्यों की वित्तीय क्षमता को भी ध्यान में रखना होगा। इसके अलावा, आयोग को सरकारी उपक्रमों (PSUs) और निजी क्षेत्र के वेतनमानों की भी तुलना करनी होगी ताकि सिफारिशें व्यावहारिक और संतुलित रहें।
⏳ 18 महीने में रिपोर्ट की उम्मीद
नोटिफिकेशन के अनुसार, आयोग को अपनी अंतिम रिपोर्ट 18 महीनों में प्रस्तुत करनी होगी। यदि आयोग नवंबर 2025 से अपना काम शुरू करता है, तो सिफारिशें मई 2027 तक सरकार को सौंपी जा सकती हैं। इसके पहले एक अंतरिम रिपोर्ट जारी होने की भी संभावना है, जिससे कर्मचारियों को शुरुआती राहत मिल सकती है।
निष्कर्ष:
8वें वेतन आयोग की शुरुआत के साथ, सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद जागी है। वेतन, बोनस, ग्रेच्युटी और पेंशन में सुधार से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि यह सरकारी सेवाओं में प्रदर्शन और उत्पादकता को भी बढ़ावा देगा।
