विश्व का सबसे पुराना और बड़ा धर्म सनातन धर्म को कहा जाता है. इस धर्म में कई मान्यताएं और कई तरह के ग्रन्थ और पुराण आदि शामिल है. इन्हीं पुराणों में से एक है गरुड़ पुराण. गरुड़ पुराण को 18 महापुराण में से एक माना जाता है. इस पुराण में व्यक्ति की मौत से संबंधित भी कई राज़ का उल्लेख किया गया है. जैसा की सभी को पता है इस संसार में सभी प्राणी नश्वर हैं और एक न एक दिन सभी को मरना होता है. मगर सभी अलग-अलग तरह से प्राण त्यागते है.

कई बार कई लोगों की मरते समय आंखें उलट जाती हैं तो कुछ का मुंह खुला का खुला रह जाता है. इसके अलावा कई लोग देह त्यागते समय मल-मूत्र तक त्याग देते है. ऐसा क्यों होता है इस बारे में गरुड़ पुराण में काफी कुछ कहा गया है. आपको बताते है उन जवाबों के बारे में. गरुड़ पुराण के माने तो मरते समय आत्मा शरीर के नौ द्वारों में से किसी एक से शरीर छोड़ती है. ये नौ द्वार दोनों आखें, दोनों कान, दोनो नासिका, मुंह या फिर उत्सर्जन अंग हो सकते हैं. जिस भी व्यक्ति की आत्मा उत्सर्जन अंग से निकलती है, मरते समय वह व्यक्ति मल-मूत्र त्याग देता हैं. गरुड़ पुराण की माने तो इस तरह से प्राण का त्यागना अच्छा नहीं होता है.
पापी व्यक्ति के साथ होता है ऐसा

इस पुराण के मुताबिक उत्सर्जन अंग से प्राण उस इंसान के निकलते है. जो जीवनभर सिर्फ अपने और अपने परिवार के बारे में ही सोचते है. वह इंसान जो जान कल्याण नहीं करता. जो सिर्फ धन कमाने में ही लगा रहता है. वह काम वासना में लगा रहता है. ऐसे लोगों का जब मृत्यु का समय आता है तो यम दूतों को देखते हुए वह घबरा जाते हैं और उनके प्राण नीचे की ओर जानें लगते हैं. उनकी प्राण वायु नीचे के मार्ग से निकल जाती है. इसके साथ ही प्राण वायु के साथ अंगूठे के आकार का एक अदृश्य जीव बाहर निकलता है. यमराज के दूत उसके गले में पाश बांध कर ले जाते है.
आंखें उलटना

गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु कहते है कि जो लोग मोह माया से लिप्त होते है. साथ ही जीने की बहुत ज्यादा चाह रखते है. इसके साथ ही जिनका अपने परिजनों से बहुत ज्यादा मोह रहता है. इस तरह के लोग मन से वैरागी नहीं हो पाते है. ऐसे लोगों की जब मौत निकट आती है तो उनकी आंखें काम करना बंद कर देती हैं, उन्हें कान से सुनाई देना बंद हो जाता है. वह कुछ बोल नहीं पाते. ऐसे लोगों को यमदूत जबरदस्ती बलपूर्वक उनके प्राण निकाल लेते है. इसी वजह से आँखें उलट जाती है.
धर्म से जुड़े लोगों के मुंह से प्राण निकलते है

शास्त्रों के अनुसार जिस किसी भी व्यक्ति के मुंह से प्राण निकलते है वह जीवनभर धर्म के मार्ग पर चलते हैं. वहीं नसिका से प्राणों का निकलना भी बहुत शुभ माना जाता है. गरुड़ पुराण के मुताबिक जो वैरागी होते है उन्ही लोगों के प्राण नासिका द्वार से निकलते है.