High Speed Railway Track: भारतीय रेलवे ने हाई-स्पीड रेलगाड़ियों के लिए आवश्यक तकनीकी ढांचे को मजबूत करने के लिए अपने पहले हाई-स्पीड रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण राजस्थान में शुरू किया है। इस 64 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक पर न केवल हाई-स्पीड ट्रेनें बल्कि रेगुलर और गुड्स वैगन की टेस्टिंग भी की जाएगी। यह ट्रैक विश्व स्तरीय तकनीकी मानकों का पालन करते हुए जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है।
जयपुर-जोधपुर रेलमार्ग पर विकसित किया जा रहा है ट्रैक
इस नवनिर्मित ट्रैक का विस्तार जयपुर-जोधपुर रेलमार्ग पर किया जा रहा है, जिससे दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह ट्रैक विशेष रूप से हाई-स्पीड ट्रेनों की क्षमताओं को परखने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इस पर 220 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें दौड़ाई जा सकेंगी।
विकसित तकनीक और उच्च गति की सुविधा
इस उच्च गति टेस्ट ट्रैक के लिए चयनित स्थान गुढ़ा-ठठाना मीठड़ी है, जहाँ 967 करोड़ रुपये की लागत से इसे विकसित किया जा रहा है। यह ट्रैक न केवल ट्रेनों की गति बल्कि सुरक्षा मानकों को भी परखेगा, ताकि भविष्य में रेल यात्रा को और अधिक सुरक्षित और तीव्र बनाया जा सके।
परियोजना का अंतिम चरण और भविष्य की संभावनाएं
इस परियोजना के चार चरणों में से ज़्यादातर कार्य पूरे हो चुके हैं। अंतिम चरण में सांभर झील के पास शेष 2.5 किमी. ट्रैक बिछाने का काम जारी है, जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा। यह ट्रैक भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित होगा क्योंकि यह हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए आवश्यक परीक्षण सुविधा प्रदान करेगा।
रेलवे विकास में एक नई दिशा
यह रेल ट्रैक न केवल रेलवे की टेस्टिंग क्षमताओं को बढ़ाएगा बल्कि भारतीय रेलवे को अंतरराष्ट्रीय रेल संचालन मानकों के अनुरूप खुद को उन्नत करने का भी अवसर प्रदान करेगा। इससे देश में रेल यात्रा की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों में प्रमुख सुधार होगा।