Indian Railway News: बिहार और उत्तर प्रदेश के मध्य में 256 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग को डबल ट्रैक किया जाएगा. इस महत्वपूर्ण परियोजना को केंद्र सरकार की कैबिनेट की बैठक में हरी झंडी मिल गई है. केंद्र सरकार ने इस कार्य के लिए 4553 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है.
यह डबल पटरी का निर्माण अयोध्या और सीतामढ़ी के मध्य में किया जाएगा, जिससे यातायात की सुविधा में सुधार होगा और यात्रा के समय में कमी आएगी. केंद्र सरकार का यह कदम रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने और यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस परियोजना के पूरा होने के बाद, दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि हाल ही में शुरू की गई इस रेल लाइन के पुनरावृत्ति से यात्रियों के लिए यात्रा करना और माल ढुलाई करना काफी सरल हो जाएगा. अब सामान को एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचाने में कोई भी देरी नहीं होगी, जिससे व्यापार और परिवहन में तेजी आएगी.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है. उन्होंने बताया कि उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी के लिए रेल संपर्क स्थापित करने की मांग की थी. इस मांग को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति मिल गई है, जो राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस रेल लाइन के निर्मित होने से श्रद्धालुओं को भगवान श्री रामचंद्र जी के दर्शन करने और माता सीता के पवित्र स्थान पर जाने में काफी सुविधा होगी. यह कदम न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी सहायक सिद्ध होगा.
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि इस रेल संपर्क के माध्यम से श्रद्धालुओं को यात्रा में आसानी होगी, जिससे वे अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभा सकेंगे. यह निर्णय बिहार के लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है और राज्य की धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को और भी मजबूत करेगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण रेल परियोजना को हरी झंडी दिखाई है. इस परियोजना का कुल अनुमानित खर्च 4553 करोड़ रुपये है. इसके अंतर्गत, नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड का पुनरावृत्ति किया जाएगा, जो कि लगभग 256 किलोमीटर लंबा है.
केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में इस परियोजना को मंजूरी देने के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि इससे बिहार में रेल परिवहन की सुविधाओं में सुधार होगा. इस परियोजना के तहत रेलवे ट्रैक का पुनरावृत्ति होने से यातायात की क्षमता बढ़ेगी और यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी. इस योजना के कार्यान्वयन से बिहार के विभिन्न शहरों के बीच संपर्क में सुधार होगा, जिससे स्थानीय व्यापार और उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा. इस प्रकार, यह परियोजना बिहार की बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है.
सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में उद्घाटन
इस क्रम में जानकारी दी गई है कि नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड के पुनरावृत्ति से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती इलाकों के बीच परिवहन संचार को मजबूती मिलेगी. इस परियोजना के तहत मालगाड़ियों और यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही में आसानी होगी. इसके परिणामस्वरूप, इस क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास संभव होगा. इससे लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और जीवन स्तर में सुधार होगा. रेलवे नेटवर्क का विस्तार और सुधार क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना का उद्घाटन सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जैसे दो महत्वाकांक्षी जिलों में किया जाएगा, जो कि परिवहन और संचार की सुविधाओं को और बेहतर बनाएगा. इस परियोजना के माध्यम से करीब 388 गांवों को लाभ मिलेगा, जिससे करीब 9 लाख लोगों की जनसंख्या को बेहतर सेवा उपलब्ध होगी.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के विकासात्मक प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार होगा और लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे. इस प्रकार, मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना न केवल परिवहन को सुलभ बनाएगी, बल्कि समाज के समग्र विकास में भी सहायक सिद्ध होगी.