उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ी खबरें सामने आ रही हैं. मेरठ से प्रयागराज तक बनाए जा रहे इस एक्सप्रेसवे का पहला चरण पहले ही चर्चा में है और अब दूसरे चरण में इसके विस्तार की योजना तैयार हो चुकी है. इस चरण में वाराणसी और गाजीपुर होते हुए बलिया तक लगभग 350 किलोमीटर लंबे और 6 लेन के एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा. इस परियोजना का निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के द्वारा किया जा रहा है.
दूसरे चरण की योजना और तैयारी
यूपीडा ने गंगा एक्सप्रेसवे के दूसरे चरण के लिए सर्वेक्षण (survey) पूरा कर लिया है और इसके तहत वाराणसी के पिंडरा और सरद तहसीलों के 75 राजस्व गांवों को इस योजना के अंतर्गत चिह्नित किया गया है.
रूट में बदलाव और इसके असर
गंगा एक्सप्रेसवे के रूट में बदलाव के कारण, इसके प्रस्तावित मार्ग में मोड़ आया है. यह अब प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, गाजीपुर होते हुए बलिया तक जाएगा. यह बदलाव गंगा के 10 किलोमीटर के दायरे को समेटे हुए है, जिससे पुल निर्माण (bridge construction) की जरूरत नहीं पड़ेगी और लागत में भी कमी आएगी. यह रूट वरुणा, गोमती जैसी अन्य नदियों के ऊपर से गुजरेगा, जिससे परिवहन और तेजी से हो सकेगा.
गाजीपुर के गांवों पर पड़ने वाला असर
गंगा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण (land acquisition) के लिए सबसे अधिक गाजीपुर के गांव चिह्नित किए गए हैं. इस परियोजना से जुड़े विकास के बावजूद, यह एक महत्वपूर्ण समाजिक प्रभाव भी डालेगा क्योंकि कई गांवों की भूमि इस परियोजना के लिए उपयोग में ली जाएगी जिससे स्थानीय लोगों की जीवनशैली और आय के स्रोतों में बदलाव आ सकता है.
वाराणसी और अन्य क्षेत्रों में चिह्नित गांव
सदर तहसीलः- पांडेयपुर, रजवारी, रखौना खजूरी, कल्लीपुर, नागेपुर, बेनीपुर, मेहंदीगंज, हरसोस, दिनदासपुर, परमानंदपुर, सरौनी, राखी, कुरसातो, रामकिशुनपुर, भटौली, सिहोरवा, तलुवा, काशीपुर, पृथ्वीपुर, खेवली, भतसार, मरूई, आयर, सरईयां, सुलेमापुर, भटपुरवा काल, भैटोली, कोहासी, गोसाईपुर मोहांव, रौनाकलां, रौनाखुर्द, टेकारी, हड़ियाडीह, बार्थरा खुर्द, अजांव, हरवंशपुर, गरथौली, कौवापुर, बहरामपुर, बिरनाथीपुर, ऊगापुर, धौरहरा, कुरेसिया, भगवानपुर खुर्द, सरैया, डेंगरूपुर, धौरहरा और रसूलपुर।