कई बार पति पत्नी के बीच शादी के बाद बहुत सी तनाव पूर्ण स्थितियां आ जाती है। जिसके चलते उनका साथ रहना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में उन्हें एक समय के बाद अपने रिश्ते को खत्म करने के अतिरिक्त कोई और विकल्प नहीं होता।
ऐसे में नौबत आती है तलाक़ की। जिसके लिए उन्हें कोर्ट के माध्यम से एक पूरी कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के बाद तलाक मिलता है। तो आज इस लेख में हम आप को एकतरफा तलाक के संबंध में जानकारी प्रदान करेंगे।
आप इस लेख में तलाक का पूरा प्रोसेस जान सकते हैं। तलाक से जुड़े नए नियम और तलाक लेने से जुड़े विभिन्न दस्तावेज आदि की जानकारी भी प्रदान की जाएगी। जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें –
तलाक क्या होता है और तलाक के प्रकार
जब भी कोई पति पत्नी कसी कारण एक दूसरे के साथ नहीं रहना चाहते और अलग होना चाहते हैं तो कोर्ट के माध्यम से वो अलग हो सकते हैं और इसी प्रक्रिया को तलाक कहते हैं। जो कोई भी दम्पति अपनी तनावपूर्ण शादीशुदा जिन्दगी से आज़ाद होना चाहता है, उनके लिए तलाक का विकल्प ही बचता है।
खासकर ऐसी स्थिति में जब उस रिश्ते को और आगे बचाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में उस व्यक्ति के पास तलाक के दो तरीके होते हैं। जो उनकी शादीशुदा जिंदगी की परिस्थितियों के अनुसार निर्धारत होते हैं। ये दो प्रकार के तलाक़ होते हैं –
- आपसी सहमति से तलाक, और दूसरा होता है
- एक तरफ़ा तलाक़
आपसी सहमति तलाक़ दोनों पक्षों की रज़ामंदी के साथ होता है। यानी यदि पति और पत्नी दोनों ही एक दुसरे से तलाक लेने के लिए तैयार है और दोनों ही इस रिश्ते को खत्म करने के लिए अपनी सहमति देते हैं तो ऐसे तलाक को आपसी सहमति से तलाक कहते हैं।
वहीँ यदि पति पत्नी में से कोई एक तलाक लेना चाहता है और दूसरा इसके लिए किसी कारणवश तैयार नहीं है तो ऐसी स्थिति में इसे एकतरफा तलाक कह सकते हैं। आज इस लेख में आप एक तरफ़ा तलाक के बारे में पढ़ेंगे। साथ ही इसमें आप को एकतरफा तलाक के लिए आवेदन करने से लेकर संबंधित आवश्यक दस्तावेजों आदि सभी महत्वपूर्ण जनकारियाँ भी मिल जाएंगी। कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया किस प्रकार से होती है उसे भी जानें।
जानिए एकतरफा तलाक के बारे में
- एकतरफा तलाक में शादीशुदा जोड़े में से किसी एक पक्ष द्वारा तलाक की याचिका दायर की जाती है। ये तलाक की प्रक्रिया आपसी तलाक की प्रक्रिया से अधिक जटिल और लम्बी होती है। साथ ही इसमें कुल कितना समय लगेगा इस बारे में भी कुछ निश्चित नहीं कहा जा सकता है। ये अवधि 180 दिनों से भी अधिक की हो सकती है। साथ ही आपको कुछ पुख्ता सबूत आदि तैयार रखने होंगे जिस के आधार पर आपको तलाक चाहिए होता है। इसकी पूरी प्रक्रिया आप को आगे बतायी जा रही है। कैसे एकतरफा तलाक के लिए याचिका दायरा करें ? और तलाक की अर्जी के लिए कौन कौन से दस्तावेज लगेंगे आदि।
एकतरफा तलाक कैसे लें ?
- यदि कोई अपनी शादीशुदा जिंदगी से खुश नहीं है या किसी अन्य वजह से इसे निभाना मुश्किल है तो ऐसे में वो तलाक के लिए याचिका दायर करते हैं। जैसे कि आप ने जाना कि इस प्रक्रिया में लगने वाला समय निश्चित नहीं होता। यदि जल्द से जल्द तलाक चाहिए होता है तो उन लोगों के लिए आवश्यक है कि उनके पास अपने दावे के समर्थन में कुछ महत्वपूर्ण सबूत हों। जिसके आधार पर उन्हें जल्द तलाक मिल सकता है। ऐसे ही कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कारण हैं जिन के आधार पर एकतरफा तलाक लिया जा सकता है। यदि इनमे से कोई वजह हो और इसके पुख्ता सबूत हों तो याचिका दायर करने वाले पति / पत्नी को कम समय में भी कोर्ट से तलाक की स्वीकृति मिल सकती है। आइये जानते हैं क्या हैं वो कारण –
व्याभिचार के आधार पर
- व्याभिचार जिसे adultery, fornication, debauchery, licentiousness भी कहते हैं। इस शब्द का अर्थ होता है कि जब पति पत्नी में से कोई एक, अपने पार्टनर को धोखा देकर किसी अन्य व्यक्ति के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाता है तो इसे ही adultery या व्याभिचार की श्रेणी में रखा जाता है। साथ ही इस आधार पर धोखा देने वाले के खिलाफ तलाक की अर्जी डालकर उससे तलाक ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए सबूत सहित इस बात को कोर्ट में साबित करना होगा।
दो वर्ष से अधिक समयावधि तक एक दूसरे से अलग रहने की स्थिति में
- यदि किसी शादीशुदा जोड़े में पति पत्नी दो 2 साल की अवधि या इससे अधिक के समय से एक दुसरे से अलग रह रहे हों तो ऐसे में भी उनमे से कोई इसे आधार बना के तलाक की याचिका डाल सकता है। उदाहरण के लिए यदि दोनों में से कोई एक दूर रहे या अपनी इच्छा से न आ रहा हो तो ऐसे में दूसरे पार्टनर को ये अधिकार होगा कि वो इस आधार पर एकतरफ़ा तलाक के लिए याचिका डाले और स्वीकृति प्राप्त करें।
हिंसा के आधार पर
- यदि पति- पत्नी में से कोई कोर्ट में ये साबित कर दें कि उसका पार्टनर शारीरिक और मानसिक हिंसा का दोषी है, तो इसी बात को आधार बना के संबंधित व्यक्ति से तलाक लिया जा सकता है।
धर्म परिवर्तन
- धर्म परिवर्तन एक अहम कारण हो सकता है एक तरफा तलाक हेतु याचिका दायर करने के लिए। यदि किसी जोड़े में पति पत्नी अलग अलग धर्म से ताल्लुक रखते हैं, और शादी के समय भी वो बिना अपना धर्म बदले शादी करते हैं तो बाद में किसी भी एक की तरफ से धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाना मान्य नहीं होगा। यदि ऐसा होता है तो दूसरा पार्टनर इसी आधार पर एकतरफा तालक के लिए याचिका दायर कर सकता है।
गंभीर शारीरिक व मानसिक रोग की स्थिति में
- यदि किसी जोड़े में से पति / पत्नी में से किसी एक को किसी प्रकार की गंभीर शारीरिक या मानसिक बीमारी (Serious physical or mental illness) है। जैसे कि – एड्स, कुष्ठ, या ऐसे ही छूत की बीमारी वाले रोग व मानसिक रोग सिजोफ्रेनिया आदि है तो ऐसी स्थिति में दूसरे पार्टनर को इस आधार पर तलाक लेने का अधिकार है।
संन्यास
- संन्यास [renunciation, abandonment, resignation, asceticism, relinquishment] : यदि पति पत्नी में से कोई एक व्यक्ति अपनी शादीशुदा जिंदगी को छोड़कर संन्यास लेने का इच्छुक हो तो इस परिस्थिति में दूसरे पक्ष यानी पति/पत्नी में से दूसरे व्यक्ति को तलाक लेने का हक़ होगा।
गुमशुदा
- यदि पति पत्नी में से कोई भी एक 7 वर्ष या उससे अधिक समय से गायब है और उसके जीवित या मृत होने के कोई प्रमाण नहीं हैं, तो ऐसी स्थिति में उसका जीवनसाथी या पार्टनर को तलाक लेने का पूरा अधिकार होगा।
नपुंसकता
- एकतरफा तलाक शादी के बाद नपुंसकता (impotence, impotency) के आधार पर भी लिया जा सकता है।
जानिए एकतरफा तलाक की पूरी प्रक्रिया
अभी तक आप ने जाना कि एक तरफ़ा तलाक किन किन आधारों पर लिया जा सकता है? साथ ही तलाक लेने के लिए आप को किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी ? आदि। आइये अब जानते हैं कि तलाक लेने के लिए कौन सी प्रक्रिया को फॉलो करना होगा ?
- वकील कीजिये : सबसे पहले आप को अपने केस से संबंधित योग्य वकील से संपर्क करना होगा। जो शादी के रजिस्ट्रेशन व तालक आदि से संबंधित कार्य करते हैं।
- तलाक के दस्तावेज : इसके बाद आप को तलाक के कुछ दस्तावेज तैयार कराने होंगे। सभी पेपर्स अपने वकील के बताये अनुसार तैयार कीजिये। निर्धारित फीस जमा करें और फिर तलाक के पेपर्स को फॅमिली कोर्ट में जमा कराएं।
- पार्टनर / दूसरे पक्ष को नोटिस भेजें : अब कोर्ट में पेपर्स जमा कराने के बाद आप के पार्टनर को तलाक की प्रक्रिया के शुरू होने के सम्बन्ध में सूचित करने हेतु कोर्ट द्वारा नोटिस अथवा समन जारी किया जाता है। आम तौर पर इसे स्पीड पोस्ट के जरिये भेजा जाता है।
- कोर्ट में हाजिरी : समन जारी होने के बाद आप को और आप के पार्टनर को निर्धारित तिथि पर कोर्ट में हाजिर होना होता है।
- कोर्ट में दो परिस्थितयां :
- यदि निर्धारित तिथि को दूसरा पार्टनर कोर्ट नहीं पहुंचता है तो ऐसे में मामला एक पक्षीय हो जाएगा। और फिर तलाक की अर्जी देने वाले पार्टनर को उसके दस्तावेजों के आधार पर फैसला दे दिया जाता है।
- यदि दूसरा पक्ष कोर्ट पहुँचता है तो ऐसे में बातचीत के माध्यम से मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
- बातचीत से मामला न सुलझने पर : यदि बातचीत के माध्यम से बात नहीं बनती है तो ऐसे में तलाक की अर्जी देने वाला पक्ष दुसरे पार्टनर के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है।
- बयान दर्ज कराना : इसके बाद एक से तीन महीने (30 दिन से लेकर 90 दिनों तक) के भीतर दोनों पक्षों के बयान दर्ज कराये जाएंगे।
- सुनवाई और कोर्ट का फैसला : दोनों पक्षों के बयान दर्ज होने के बाद सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जहाँ विभिन्न दस्तावेज और सबूतों की आवश्यकता होती है। इन्ही के आधार पर कोर्ट अपना फैसला सुनाती है। ये प्रक्रिया कितनी लम्बी चलती है, ये केस के आधार पर निर्भर होगा।
तलाक लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
कोई भी शादीशुदा जोड़ा जो अब किन्ही कारणवश तलाक ले रहा है, उन्हें तलाक की याचिका के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। आप नीचे बतायी गयी सूची के आधार पर भी इन दस्तावेजों को तैयार कर सकते हैं।
- शादी का प्रमाण पत्र (Marriage certificate)
- विवाह के वक्त की चार तस्वीरें (Four wedding photos)
- एक वर्ष अलग रहने का प्रमाण (Proof of living apart for one year)
- सुलह के प्रयासों के साक्ष्य (Evidence of reconciliation efforts)
- दोनों पक्षों के परिवार के बारे में जानकारी (Information about the family of both sides)
- तीन साल का इनकम टैक्स स्टेटमेंट (Income tax statement for three years)
- पेशे व आय का विवरण (Profession and income details) जैसे कि – वेतन स्लिप, नियुक्ति पत्र आदि।
- संपत्ति व स्वामित्व का ब्यौरा (Property and ownership details)
- आवास का प्रमाण (Proof of residence)
एकतरफा तलाक के नए नियम
तलाक से संबंधित कुछ नियमों में बदलाव किया गया है। इस के अनुसार अब यदि कोई शादीशुदा जोड़ा आपसी सहमति से तलाक लेना चाहता है तो ऐसे में उन्हें अगले 6 माह का इन्तजार नहीं करना होगा। यदि वे चाहें तो बिना 6 माह की अवधि पूरी किये ही तलाक ले सकते हैं। उन पर इस अवधि के लिए कोई बाध्यता नहीं होगी।
बता दें कि पहले यदि पति पत्नी आपसी सहमति से तलाक लेते थे तो उन्हें तलाक की याचिका दायर करने के बाद अगले 6 माह के लिए प्रतीक्षा करनी होती थी। जिसे कूलिंग पीरियड (Cooling Period) कहा जाता था जिसका उद्देश्य ये होता था की इन 6 माह में पति पत्नी यदि संभव है तो आपसी सुलह कर सकें।
कोर्ट द्वारा दिए गए इस समयावधि में यदि पति पत्नी अपने रिश्ते को फिर से एक मौका देने का प्रयास करते हैं तो अगली पेशी में तलाक रद्द कर दिया जाता है, लेकिन यदि ऐसा नहीं होता तो फिर उन्हें तलाक की अनुमति मिल जाती थी।
एकतरफा तलाक से संबंधित प्रश्न उत्तर
एकतरफा तलाक में कितना समय लगता है?
यदि कोई एकतरफा तलाक के लिए आवेदन करता है तो इसमें लगने वाला समय निर्धारित नहीं है। सबके केस में ये अवधि अलग अलग हो सकती है। हालाँकि 180 दिनों को मान कर चल सकते हैं।
तलाक लेने के लिए कौन कौन से कागज लगते हैं?
तलाक लेने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है – एक वर्ष के लिए अलग से रहने का सबूत, पिछले 3 वर्षों के आयकर स्टेटमेंट। शादी का प्रमाण पत्र, विवाह के चार तस्वीरें,
पेशे और आय का विवरण (वेतन स्लिप, नियुक्ति पत्र), पति और पत्नी के – सबूत पता, संपत्ति और संपत्ति का विवरण स्वामित्व,
परिवार के बारे में जानकारी (पति और पत्नी) आदि।
एक तरफा तलाक कैसे मिलता है?
तलाक यदि एक तरफा है तो इसमें एक पति या पत्नी अपने पार्टनर के खिलाफ तलाक की अर्जी डालता है। इसके बाद तलाक की कार्यवाही से समबन्धित नोटिस दुसरे पार्टनर को भेज दी जाएगी। इसके बाद निर्धारित तिथि को उस व्यक्ति को कोर्ट में उपस्थित होना होगा। यदि ऐसा नहीं होता तो पहले पक्ष द्वारा प्रस्तुत सबूतों के आधार पर तलाक की अनुमति दे दी जाती है। यदि दूसरा पक्ष उपस्थित होता है तो बातचीत से मामला सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
क्या आप 1 साल से पहले तलाक के लिए फाइल कर सकते हैं?
यदि आप तलाक लेना चाहते हैं तो आप को कम से कम एक साल के लिए अपने पति पत्नी से अलग रहना होगा। साथ ही इसके सबूत भी प्रस्तुत करने होंगे।
जल्दी तलाक कैसे ले?
जो भी शादीशुदा जोड़े जल्दी तलाक चाहते हैं, उन्हें आपसी तलाक के लिए याचिका डालनी होगी। इस याचिका में साफ तौर पर बताया गया हो की आपसी सहमति से तलाक लिया जा रहा है। इसके बाद कोर्ट में हाजिर होकर अपना बयांन देने एक बाद इसी आधार पर तलाक की मंजूरी मिल जाएगी।
आज इस लेख के माध्यम से आप ने एकतरफा तलाक के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियां पढ़ी। उम्मीद है आपको ये जानकारी उपयोगी लगी होगी। यदि आप ऐसे ही अन्य उपयोगी लेखों के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट News Remind से जुड़ सकते हैं।