Jhalawar Green Field Expressway: राजस्थान सरकार राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने के लिए लगातार काम कर रही है. इस दिशा में नई पहल के रूप में सरकार ने पूरे प्रदेश में सड़कों और रेलवे लाइनों के व्यापक जाल बिछाने का निर्णय लिया है. इस पहल से राज्य के विभिन्न भागों को जोड़ने का काम और भी आसान होगा.
भजनलाल सरकार का खास प्लान
भजनलाल सरकार ने दक्षिण पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान को सीधे जोड़ने के लिए एक विशेष योजना (special plan) तैयार की है. इस योजना के तहत जालौर और झालावाड़ को जोड़ने के लिए 402 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है जो इन दोनों जिलों के बीच संपर्क और आने जाने को अत्यधिक सुविधाजनक बनाएगा.
मध्य प्रदेश से जुड़ाव और सांस्कृतिक एकता
झालावाड़, जो कि मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित है, इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से सीधे मध्य प्रदेश से जुड़ जाएगा. इससे दोनों राज्यों के बीच न केवल आना जाना आसान होगा बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक एकता (cultural unity) में भी बढ़ोतरी होगी. इससे जालौर और झालावाड़ के बीच की सांस्कृतिक दूरियां कम होंगी और राज्य के दो अलग-अलग सांस्कृतिक क्षेत्र एक-दूसरे के करीब आएंगे.
एक्सप्रेसवे का प्रस्तावित मार्ग और चुनौतियां
यह एक्सप्रेसवे जालौर से शुरू होकर सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ होते हुए झालावाड़ तक जाएगा. इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी चुनौती (major challenge) वन विभाग से संबंधित है क्योंकि प्रस्तावित मार्ग का एक हिस्सा वन क्षेत्र में आता है. यह वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय चिंताओं के साथ संतुलन बनाने की मांग करता है.
किसानों और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल स्थानीय किसानों को लाभ होगा जिनके उत्पादों की पहुंच बाजारों तक आसान हो जाएगी बल्कि पर्यटन क्षेत्र को भी काफी बढ़ावा (boost to tourism) मिलेगा. उदयपुर और चित्तौड़ जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की सहज पहुंच से अधिक पर्यटक इन क्षेत्रों का रुख कर सकेंगे.