हाल ही में सरकार ने ऑनलाइन मनी गेमिंग पर कानूनी प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बाद कई ‘रियल मनी गेमिंग (आरएमजी)’ कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म पर इन गेम्स को बंद कर दिया है। लेकिन अगर आपने पिछले वित्तीय वर्ष में ऑनलाइन गेमिंग से कोई रकम जीती है, तो आपको उस पर टैक्स देना होगा। हालाँकि अब यह बंद हो गया है, लेकिन इससे होने वाली कमाई पर टैक्स अभी भी लागू है। आइए जानते हैं कि आयकर अधिनियम के तहत ऐसी आय पर क्या नियम हैं और आपको अपनी जीत पर कितना टैक्स देना होगा।
कानून की नज़र में वैध और अवैध आय

टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज़ के पार्टनर विवेक जालान बताते हैं कि आयकर अधिनियम का किसी व्यवसाय की वैधता से कोई लेना-देना नहीं है। आयकर अधिनियम की धारा 2(24) ‘आय’ शब्द को परिभाषित करती है और इसमें किसी भी प्रकार की आय शामिल है। इसका मतलब है कि क़ानून की नज़र में वैध और अवैध, दोनों तरह की आय कर योग्य है। इसलिए, भले ही ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगा दिया जाए, लेकिन इससे होने वाली कमाई कर के दायरे में आएगी।
ऑनलाइन गेमिंग पर 30% कर
अगर आपको लगता है कि ऑनलाइन गेमिंग बंद होने से आपको इस पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा, तो आप गलत हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऑनलाइन गेमिंग से होने वाली शुद्ध कमाई को कर योग्य आय माना गया है। इस पर धारा 115BB के तहत सीधे 30% टैक्स लगता है।
एक उदाहरण से गणित को समझें
मान लीजिए आपने अपने गेमिंग वॉलेट में ₹1,000 जमा किए और आपने ₹30,000 जीत लिए। ऐसी स्थिति में, आपकी कुल जीत ₹29,000 होगी। गेमिंग कंपनी को यह पैसा आपके खाते में भेजने से पहले इस ₹29,000 पर 30% TDS काटना होगा। यानी ₹29,000 पर ₹8,700 का टैक्स लगेगा।
ITR में भी बताना होगा

टैक्स कटने के बाद भी आपकी टैक्स संबंधी ज़िम्मेदारी खत्म नहीं होती। आईटीआर (आयकर रिटर्न) दाखिल करते समय आपको इस जीती हुई राशि का खुलासा करना होगा। ऑनलाइन गेमिंग से होने वाली कमाई को ‘अन्य स्रोतों से आय’ में दिखाना होगा।
अगर आप वेतनभोगी करदाता हैं, तो आप ITR-2 फॉर्म भर सकते हैं। अगर आप कोई व्यवसाय भी चलाते हैं, तो आपको ITR-3 फॉर्म भरना होगा।
आपकी जीत पर काटा गया टीडीएस आपके फॉर्म 26AS में दिखाई देगा, जिसे आप आईटीआर दाखिल करते समय समायोजित कर सकते हैं। इसलिए, अगर आपने ऑनलाइन गेमिंग से पैसा कमाया है, तो अपने आईटीआर में इसका ज़िक्र ज़रूर करें। ऐसा न करने पर भविष्य में आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।