Ganga Expressway – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए अधिकारियों को सख्त डेडलाइन दी है. है. उन्होंने ज़ोर दिया कि एक्सप्रेस-वे केवल सड़कों का जाल नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक भविष्य की रीढ़ हैं… ऐसे में चलिए आइए नीचे खबर में जान लेते है कि आखिर कब चालू होगा ये एक्सप्रेसवे-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए अधिकारियों को सख्त डेडलाइन दी है. उन्होंने अधिकारियों को काम में तेजी लाने और गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.
यूपीडा के कार्यों की समीक्षा –
उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) की बुधवार को हाईलेवल समीक्षा मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने यूपीडा के कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने यूपीडा को दिशा निर्देश जारी किया है.
आखिर कब पूरा होगा निर्माण कार्य?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने अधिकारियों को गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य दिसंबर तक हर हाल में पूरा करने का निर्देश दिया है. उन्होंने ज़ोर दिया कि एक्सप्रेस-वे केवल सड़कों का जाल नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक भविष्य की रीढ़ हैं, जो राज्य के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.
क्या कहा सीएम योगी ने-
गंगा एक्सप्रेस-वे बनने से यूपी के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों के बीच सहज कनेक्टिविटी स्थापित होगी. सीएम ने कहा कि हर परियोजना की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा हो और कार्य की गुणवत्ता पर किसी प्रकार का समझौता न हो.
बैठक में विस्तृत चर्चा-
मीटिंग में प्रस्तावित मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेस-वे (Meerut-Haridwar Link Expressway), नोएडा-जेवर लिंक एक्सप्रेस-वे, चित्रकूट-रींवा लिंक एक्सप्रेस-वे (Chitrakoot-Rewa Link Expressway) व प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र तक प्रस्तावित विंध्य एक्सप्रेस-वे व विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे के रूट पर विस्तृत चर्चा हुई.
नए एक्सप्रेस-वे की योजना-
सीएम ने इन नए एक्सप्रेस-वे की योजना बनाते वक्त भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे और हाइवे नेटवर्क का पूरा ध्यान रखने को कहा है. ताकि, दोहराव से बचते हुए राज्य में एकीकृत और समन्वित सड़क तंत्र विकसित हो सके.
स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना-
सीएम ने उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जुड़े सभी 6 नोड्स (लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा, अलीगढ़ और चित्रकूट) में स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना के निर्देश दिए. इन केंद्रों के जरिये स्थानीय युवाओं को तकनीकी ट्रेनिंग देकर रक्षा उद्योग से जोड़ा जाएगा.
कितने रुपये का प्रस्ताव?
जिससे रोजगार सृजन के साथ ही क्षेत्रीय आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा. उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर (Uttar Pradesh Defence Industrial Corridor) के लिए अब तक लगभग 30,819 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. 5,039 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की गई है. कई कम्पनियों द्वारा कार्य शुरू होगा.
अधिकारियों को दिए निर्देश-
अगर तीन साल में भूमि आवंटन (land allotment) के निवेशक द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है, तो ऐसा आवंटन खुद निरस्त हो जाएगा. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भूमि उपयोग की निगरानी की पारदर्शी व्यवस्था बनाई जाए और निवेशक को केवल वास्तविक प्रगति की स्थिति में ही आगे की सुविधाएं दी जाएं.
सुविधाओं की व्यवस्था-
यूपीडा (UPIDA) ने एक्सप्रेस-वे किनारे के औद्योगिक क्लस्टरों और लॉजिस्टिक पार्कों (logistics parks) में निवेश खींचने के लिए व्यापक योजना बनाई है. इस योजना के तहत, निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन क्षेत्रों में बिजली, जलापूर्ति, ट्रक टर्मिनल, इलेक्ट्रिक वेहिकल स्टेशन और स्वास्थ्य-आपातकालीन (हेल्थ-इमरजेंसी) जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.
