central government employee :केंद्र सरकार द्वारा लगातार कर्मचारियों के लिए नए नए नियम को लागू किया जाता है। वहीं कई बार ऐसा भी होता है कि सरकार (Central Government Update) सालों से चल रहे नियम को भी खत्म कर देती है। हाल ही में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। अब सरकार कर्मचारियों के लिए 70 साल पुराने नियम को खत्म करने वाली है। इसकी बजाय सरकार एक नई स्कीम को लागू करने वाली है।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। सरकार अब कर्मचारियों के लिए सालों से चलती आ रही स्कीम को खत्म करने वाली है। सरकार का ये नियम 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने पर होगा। कर्मचारियों के लिए ये एक बड़ा फैसला हो सकता है। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से इस बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में पूरी डिटेल।
जानिये क्या है CGHS कार्ड
केंद्रीय कर्मचारी के लिए CGHS कार्ड एक भरोसा होता है। CGHS कार्ड (CGHS Card Kya h) इस बात की गारंटी है कि बुढ़ापे में या किसी मुश्किल बीमारी में सरकार उनके और उनके परिवार की आर्थिक रूप से मदद करेगी। साल 1954 से चली आ रही यह सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS scheme kya h) करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए किसी सुरक्षा कवच के रूप में कार्य कर रही है। लेकिन अब सरकार इस स्कीम को बंद करने की बात कर रही है।
8वें वेतन आयोग की चर्चा के बीच उठा ये सवाल
पिछले 10 सालों में, खासतौर पर 7वें वेतन आयोग (2016-2025) के दौर में, इस कवच को और भी मजबूत और आधुनिक बनाने की कई कोशिशें की जा रही थी। हालांकि अब, जब देश में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) पर चर्चा जोरों पर है, तो एक बहुत बड़ा सवाल कर्मचारियों के मन में आ रहा है कि क्या इस वेतन आयोग के तहत CGHS स्कीम को भी बंद कर दिया जाएगा।
नई इंश्योरेंस स्कीम हो सकती है पेश
सूत्रों के अनुसार, सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई इंश्योरेंस स्कीम को पैश कर सकती है। वहीं ऐसा भी हो सकता है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के साथ ही सरकार CGHS (CGHS Scheme Benefits) की जगह एक बिल्कुल नई, आधुनिक और इंश्योरेंस आधारित हेल्थ स्कीम लेकर आए।
कर्मचारियों ने की ये मांग
7वें वेतन आयोग के दौरान CGHS ने एक लंबा सफर तय किया है। इसे एक पुरानी, फाइलों में दबी स्कीम (CGHS Scheme) से निकालकर एक आधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने की हर संभव कोशिश की गई। ऐसे में कर्मचारियों के लिए ये एक मुश्किल भरी खबर हो सकती है अगर स्कीम को बंद कर दिया जाता है।
डिजिटल क्रांति की ओर बड़ा कदम
CGHS कार्ड को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) से जोड़ने के लिए एक नई पहल की गई है। भुगतान के लिए पुराना सिस्टम बदलकर नया HMIS पोर्टल लागू किया जा रहा है। MyCGHS ऐप लॉन्च किया गया है। इसकी वजह से कार्ड ट्रांसफर, परिवार के सदस्यों को जोड़ने जैसे काम मोबाइल पर ही होने लगे।
नियमों को बनाया जाएगा आसान
प्राइवेट अस्पतालों में जनरल, सेमी-प्राइवेट और प्राइवेट वार्ड की पात्रता को कर्मचारियों की बेसिक सैलरी से मर्ज कर दिया गया है। इसकी वजह से कर्मचारियों में ये भ्रम खत्म हुआ। रेफरल प्रोसेस (CGHS Scheme Latest Update) को और भी ज्यादा आसान बनाया गया है। अब सरकारी अस्पतालों में बिना रेफरल के इलाज संभव है और प्राइवेट अस्पतालों के लिए एक ही रेफरल पर तीन स्पेशलिस्ट से सलाह ली जा सकती है।
अब मिलेगी नई सुविधाएं
फिजियोथेरेपी जैसी सेवाएं घर पर मिलने वाली है। CPAP, BiPAP और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर जैसे मेडिकल डिवाइस की मंजूरी का प्रोसेस ऑनलाइन (CGHS Scheme) और तेज होकर महज 5 ही दिन का रह गया है। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल आ रहा है कि जब CGHS में इतने सुधार किये जा रहे हैं तो फिर इसे पूरी तरह बदलने की चर्चा क्यों है।
इस वजह से बंद होगी स्कीम
बढ़ता दायरा और खर्च
CGHS के लाभार्थियों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में सरकार (CGHS Scheme) पर खर्च का बोझ भी बढ़ रहा है। एक इंश्योरेंस मॉडल इस खर्च को ज्यादा व्यवस्थित कर सकता है।
प्राइवेट इंश्योरेंस का फ्लेक्सिबल मॉडल
एक इंश्योरेंस आधारित स्कीम प्राइवेट सेक्टर की ही तरह ज्यादा फ्लेक्सिबल और एडवांस सुविधाएं (Advance facilitis in 8th Pay Commission) प्रदान करने वाली हो सकती है।
कैशलेस इलाज का सपना
नई स्कीम का मुख्य फोकस पूरे देश में बड़े प्राइवेट अस्पतालों के एक मजबूत नेटवर्क के साथ पूरी तरह से कैशलेस और झंझट-मुक्त इलाज को मुहैया कराने पर रहने वाला है।
8वें वेतन आयोग से ये हैं उम्मीदें
केंद्र सरकार द्वारा अभी तक 8वें वेतन आयोग का ऐलान नहीं किया गया है। हालांकि यह तय है कि यह 1 जनवरी 2026 से ही प्रभावी माना जाने वाला है। कर्मचारियों और पेंशनर्स (Update for Pensioners) को सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी का इंतजार किया जा रहा है लेकिन अब उनकी नजरें इस बात पर भी टिकी हैं कि उनकी हेल्थ स्कीम का भविष्य क्या होगा।
कर्मचारियों की मांग
बेहतर सुविधाएं
कर्मचारियों का मानना है कि जब फिटमेंट फैक्टर बढ़ने के बाद उनका हेल्थ कंट्रीब्यूशन (CGHS Scheme Benefits) (मासिक कटौती) में इजाफा होगा तो सुविधाएं भी उसी अनुपात में बेहतर और विश्व स्तरीय होनी चाहिए।
अस्पतालों का होगा विस्तार
जब तक नई स्कीम को सामने नहीं पेश किया जाता है तो तब तक CS(MA) और ECHS (सेना के लिए) के अस्पतालों को भी CGHS (CGHS Scheme) के पैनल में शामिल किया जाए। इससे इलाज के विकल्प बढ़ें और बड़े शहरों पर बोझ कम हो.
सैलरी में बढ़ोतरी का ऐलान
8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सिर्फ सैलरी में बढ़ोतरी का पैगाम लेकर सामने नहीं आ रहा है, बल्कि यह उनके पूरे हेल्थकेयर सिस्टम के भविष्य में भी बदलाव कर सकताा है। 70 साल पुरानी और भरोसेमंद CGHS का एक नई इंश्योरेंस स्कीम को रास्ता देना एक बहुत बड़ा और पीढ़ीगत बदलाव होने वाला है। सरकार का यह कदम कर्मचारियों को कितनी बेहतर और आसान स्वास्थ्य सुविधाएं (health facilities to Goverment Employess) दे पाएगा, इसका जवाब तो आने वाले समय में ही पता लगने वाला है। हालांकि एक बात तय है, सरकार अब अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य को लेकर एक बड़े और दूरगामी बदलाव की नींव रखने की तैयारी में जुट चुकी है।