रविवार को महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी ने अपना संकल्प पत्र जारी किया जिसमें बड़े पैमाने पर जनकल्याणकारी योजनाओं का वादा किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संकल्प पत्र प्रस्तुत करते हुए किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं. इन वादों में किसानों के कर्ज माफी, महिलाओं के लिए मासिक आर्थिक सहायता, और युवाओं के लिए नौकरियाँ प्रमुख हैं.
विकास की नई उम्मीदें
गृह मंत्री ने संकल्प पत्र के माध्यम से भारत को 2027 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनकी सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर देश की एकता और अखंडता को मजबूत किया है. यह विशेष रूप से विपक्ष के उन आरोपों का जवाब था जिनमें सरकार पर अपने वादे पूरे न कर पाने का इल्जाम लगाया जा रहा था.
विपक्षी पार्टियों पर निशाना
अमित शाह ने विपक्षी महा विकास अघाड़ी पर जोरदार प्रहार किया और उन पर अक्षमता और गलत नीतियों के चलते राज्य की प्रगति में बाधा डालने का आरोप लगाया. उन्होंने उद्धव ठाकरे और राहुल गांधी के बीच राजनीतिक संबंधों पर भी प्रश्न उठाए और उन्हें वीर सावरकर के प्रति सम्मान जताने की चुनौती दी.
मतदान और चुनावी प्रक्रिया
20 नवंबर को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, जिसमें 288 सीटों पर मतदान होगा. इस चुनावी रण में बीजेपी ने अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने का लक्ष्य रखा है, जबकि विपक्ष अपनी खोई हुई ज़मीन वापस पाने की कोशिश में है. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे, जिससे महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा तय होगी.
आंतरिक कलह और राजनीतिक परिवर्तन
शिवसेना के आंतरिक कलह और विभाजन का मुद्दा भी सुर्खियों में रहा. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बीजेपी के समर्थन से नई सरकार का गठन और शरद पवार की एनसीपी का विभाजन राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण परिवर्तन के संकेत हैं. ये घटनाएँ महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण स्थापित करने का कारण बनी हैं, जिससे आगामी चुनावों में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा.