किसानों के लिए वरदान बन कर आई बाजरे की खेती, हो जायेंगे मालामाल, जानें पूरी जानकारी, भारत में कई लोग रोटी का मतलब समझते हैं सिर्फ गेंहू के आटे से बनी हुए रोटी। लेकिन कई लोगो को पता नहीं है कि गेंहू की रोटी से भी ज़्यादा फायदा बाजरे की रोटी करती है। आपको बता दे कि भारत में सबसे अधिक बाजरे की खेती होती है। इस रोटि में कई पोषक तत्व होने के कारण यह ताकत प्रदान करती है। पेट की पाचन से जुड़ी समस्याओ को दूर करती है। बाजरा गेंहू से ज्यादा महंगा आता है। अगर किसान भाई बाजरे की खेती अपनाते है तो इसमें काफी अच्छा मुनाफा मिल सकता है। आइये इसके बारे में
बाजरे की खेती के लिए मिट्टी किस तरह चाहिए
किसान भाइयो को बता दे बाजरे की खेती करने के लिए लगभग हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन बलुई दोमट मिट्टी में इसकी पैदावार सबसे ज़्यादा होती है। जिस जमीन में जलभराव होता है, उस जमीन पर बाजरे की खेती उपयुक्त नहीं है। इसकी वजह यह है कि जमीन पर ज़्यादा दिनों तक पानी भरे रहने से पौधों की जड़े सड़ जाती है और रोग लग जाते हैं जिस वजह से फसल की बर्बादी होती हैं। और पैदावार पर बहोत बुरा असर पड़ता है।
बाजरे की खेती के लिए खेत की तैयारी कैसे करें
बाजरे की खेती के लिए खरीफ का मौसम उपयुक्त होता है। इस वजह से किसान गर्मी के दिनों में ही खाली खेत की जुताई कर उसमें पड़ा खरपतवार हटा लें। और साथ ही पहली बार जुताई करते समय ही लगफग 2-3 टन गोबर की खाद प्रतिहेक्टर के हिसाब से मिट्टी में मिला कर डाल दे। बाजरे की खेती करने से पहले अच्छी पैदावार के लिए एक बार खाली खेत की मिट्टी अच्छी तरह से पलटा ले।
उसके बाद दो से तीन बार फिर से अच्छे से खेत की जुताई करें। अच्छे से जुताई करने के बाद खेतों में बुआई का कार्य करें। जिस खेत में आप बुआई कर रहे है उस खेत में अगर दीमक और लट का प्रभाव दिखाई दे तो 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से फॉस्फोरस को लास्ट जुताई करें तब डाल दें।
खेती के बीज और बुआई का सही समय
आपको बता दे जिस क्षेत्र में बारिश बहुत कम होती है, उस इलाके में मॉनसून शुरू होते ही बुआई का कार्य शुरू कर दे। और साथ ही आपको बता दे जुलाई के अंत में अगर किसान बुआई करता है, तो 40 से 50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर फसल का भारी नुक़सान हो सकता है। बुआई में 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज का इस्तेमाल करें।
बाजरे की बुआई में बीजों को 40 से 50 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें। साथ ही जब 10 से 15 दिन बाद पौधे घने होने लगे तो थोड़ी बहुत छटाई कर दें। अगर बारिश समय पर ना आये और समय पर बुआई करना हैं तो आप बाजरे की रोपाई भी कर सकते हैं।
बाजरे की खेती में में होंगी तगड़ी कमाई
अगर किसान बाजरे की खेती करने का सोच रहे है तो बता दे इसमें ज़्यादा पैसे लगाने की जरूरत नहीं होती। इस फसल की खेती बहुत ही सस्ते में हो जाती है। लेकिन बाजरा मार्केट में बहुत महंगा बिकता है। इसी वजह से किसान बाजरे की खेती कर अच्छा पैसा कमा सकते हैं।