सब्जी की खेती:- आज की इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसी सब्जी की खेती के बारे में जानकारी देंगे जिसको शुरू करते ही आप अच्छी कमाई कर सकते हैं। आज हम बात करने वाले हैं परवल की खेती (Pointed Gourd Farming) के बारे में। देखिए परवल की खेती (Pointed Gourd Farming) के लिए दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी को तैयार करने के लिए सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करने और उसमें अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद या फिर कंपोस्ट मिलाएं। ऐसा करने से मिट्टी की उरला शक्ति बढ़ती है और परवल के पौधों को सभी प्रकार के पोषक तत्व मिल जाते हैं।
इस सब्जी की खेती से किसानों को मिलेगा लाखों का मुनाफा
परवल की खेती (Pointed Gourd Farming) किसानों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण और लाभदायक व्यवसाय साबित हो सकता है। लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब आप इसमें सही तकनीक का पालन करें। कृषि विशेषज्ञों की माने तो इसकी खेती करने के लिए सबसे अच्छा समय फरवरी से मार्च और जून से जुलाई तक का ही होता है। अगस्त के पहले हफ्ते तक भी इसकी खेती की जा सकती है। इन महीना में मिट्टी की स्थिति और मौसम परवल के पौधे के विकास के लिए आदर्श मानी जाती है।
कृषि विशेषज्ञों की सुझाव
पिछले 25 सालों में कृषि कार्य में लगे हुए श्री रविकांत पांडे जी ने इसकी खेती और मौसम के अनुरूप उन्नत पर वेदों पर अपना तर्क दिया। रविकांत की माने तो इसकी खेती करने के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है मिट्टी को तैयार करने के लिए खेत की गहरी जुताई करें और उसमें कंपोस्ट या फिर गोबर की सड़ी हुई खाद मिले क्योंकि ऐसा करने से प्रबल के पौधों को सभी प्रकार के आवश्यक पोषक तत्व मिल जाते हैं।
बुवाई और सिंचाई
अब परवल के बीज की बुवाई करने के लिए पंक्तियों को 1.5 से 2 मीटर और पौधों के बीच 50 से 60 सेमी की दूरी रखें। आप बीज को 2 से 3 सेंटीमीटर गहराई पर ही ब्वॉय। बुवाई करने के बाद आप इसकी हाल की सिंचाई करें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे और बी अच्छे से अंकुरित हो पाए। इसकी खेती करने के लिए आपको नियमित और नियंत्रित सिंचाई की आवश्यकता है।
आपको पहली सिंचाई बुवाई करने के तुरंत बाद करनी है और उसके बाद नियमित अंतराल पर आपको अपनी देते रहना है। इस चीज का आपको विशेष तौर पर ध्यान रखना है कि सिंचाई करते समय जल भराव ना हो क्योंकि इससे जड़ सब जाती है या फिर फफूंद जनित रोगों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
रसायनों का उपयोग
परवल के पौधों के लिए जैविक और रासायनिक उर्वरकों का समुचित उपयोग किया जाना चाहिए। दो आपको दो से तीन बार अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद और कंपोस्ट मिलना है इसके साथ ही आपको फास्फोरस नाइट्रोजन और पोटाश उर्वरकों का भी सही मात्रा में उपयोग करना है इस चीज का आपको ध्यान रखना है कि उर्वरक का उपयोग पौधों की बढ़वार के विभिन्न चरणों में करें।
फसल की कटाई
परवल की फसल 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है कटाई के समय परवल के फलों को तोड़कर सावधानी पूर्वक इकट्ठा कर लें। इकट्ठा करने के लिए आप ठंडा और सुख स्थान को ही चुने ताकि फसल लंबे समय तक ताजा बनी रहे। आपको सही तकनीक का इस्तेमाल करके ही इसकी खेती करनी है ताकि आप इससे ज्यादा मुनाफा कमा सकें।