नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश में लगातार बढ़ती महंगाई को मद्देनजर रखते हुए निर्माण, खनन और कृषि जैसे अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है। श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा आज गुरुवार को इस संबंध में बयान जारी करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की है और वैरिएबल महंगाई भत्ता (VDA) को संशोधित किया है। नई मजदूरी दरें 1 अक्टूबर, 2024 से लागू होंगी।
श्रमिकों की मजदूरी में कितनी हुई वृद्धि
सरकार ने अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दर 20,358 रुपये प्रति माह, अर्धकुशल श्रमिकों के लिए 22,568 रुपये प्रति माह होगी। कुशल श्रमिकों के लिए मजदूरी दर 24,804 रुपये प्रति माह और उच्च कुशल श्रमिकों के लिए 26,910 रुपये प्रति माह होगी।
केंद्र सरकार के मुताबिक़ न्यूनतम मजदूरी दरों में की गई इस बढ़ोतरी महंगाई से निपटने में श्रमिकों को मदद मिलेगी । औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में 2.40 अंकों की बढ़ोतरी हुई है।
साल में दो बार होता है मजदूरी में संशोधन
केंद्र सरकार वेरिएबल डीयरनेस अलाउंस (VDA) को साल में दो बार संशोधित करती है। यह 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर से प्रभावी होता है। यह संशोधन औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 6 महीने की औसत वृद्धि पर आधारित होता है।
क्षेत्र, श्रेणियों और क्षेत्र के अनुसार न्यूनतम मजदूरी दरों के बारे में विस्तृत जानकारी आप मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय), भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (clc.gov.in) पर उपलब्ध है।