Petrol and Diesel Prices: 5 सितंबर, 2024 तक, वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हाल ही में आई गिरावट के बावजूद, भारत में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें काफी हद तक अपरिवर्तित बनी हुई हैं। इस स्थिति ने उपभोक्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों के बीच उत्सुकता पैदा कर दी है।
वैश्विक तेल बाज़ार के रुझान
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई है। ब्रेंट क्रूड इस समय 73.44 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड की कीमत 70.00 डॉलर प्रति बैरल है। ये दरें हाल के हफ्तों की तुलना में काफी गिरावट दर्शाती हैं।
प्रमुख भारतीय शहरों में ईंधन की कीमतें
देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 94.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.62 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। मुंबई में पेट्रोल 104.21 रुपये और डीजल 92.15 रुपये प्रति लीटर पर है। कोलकाता में पेट्रोल 103.94 रुपये और डीजल 104.95 रुपये प्रति लीटर पर है, जबकि चेन्नई में पेट्रोल 100.75 रुपये और डीजल 88.95 रुपये प्रति लीटर पर है।
मूल्य स्थिरता में योगदान देने वाले कारक
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद ईंधन की कीमतों में स्थिरता के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। मुख्य रूप से, पेट्रोल और डीजल पर भारत सरकार द्वारा लगाए गए विभिन्न कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये कर अपरिवर्तित रहते हैं, जिससे खुदरा कीमतों में कोई खास कमी नहीं आती। इसके अलावा, पेट्रोल पंपों तक ईंधन पहुंचाने की लागत भी अंतिम कीमत को प्रभावित करती है।
भावी मूल्य परिदृश्य
विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है। अक्टूबर में कच्चे तेल की कीमतों में और कमी देखने को मिल सकती है, जिसका एक कारण सऊदी अरब द्वारा एशिया को बेचे जाने वाले अधिकांश ग्रेड के कच्चे तेल की कीमतों में कमी करने का संभावित निर्णय भी हो सकता है। दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादक के इस कदम का वैश्विक बाजारों पर असर पड़ सकता है।
क्षेत्रीय मूल्य भिन्नताएँ
भारत में अलग-अलग राज्यों में ईंधन की कीमतें अलग-अलग हैं क्योंकि राज्य स्तर पर अलग-अलग कर हैं। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश में पेट्रोल की कीमत ₹108.29 और डीज़ल की कीमत ₹96.17 प्रति लीटर है, जबकि गोवा में पेट्रोल की कीमत ₹96.52 और डीज़ल की कीमत ₹88.29 प्रति लीटर है।
हालांकि मौजूदा स्थिति वैश्विक रुझानों के बावजूद भारतीय ईंधन की कीमतों में स्थिरता दिखाती है, लेकिन उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे कीमतों में उतार-चढ़ाव के बारे में जानकारी रखें और अपने बजट की योजना उसी के अनुसार बनाएं। अगर अनुमानित कीमतों में कटौती होती है तो आने वाले महीनों में कुछ राहत मिल सकती है।
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