सोलर पैनल सिस्टम के काम का तरीका
सोलर पैनल के प्रयोग से सौर ऊर्जा से बिजली बनाई जाती है, सोलर पैनल के अंदर लगे सोलर सेल बिजली उत्पादन का कार्य करते हैं, बारिश या बदल वाले मौसम में सोलर पैनल कम धूप प्राप्त करते हैं, ऐसे में वे कम बिजली का ही उत्पादन करते हैं, लेकिन सोलर पैनल बिजली बनाते हैं, ऐसा बिलकुल नहीं है कि वे काम करना बंद कर सकते हैं।
सोलर पैनलों के टाइप
सोलर पैनल के अनुसार आप यह आसानी से समझ सकते हैं कि किस प्रकार के सोलर पैनल से बिजली का उत्पादन खराब मौसम में किया जा सकता है:-
- पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल– इन सोलर पैनल की दक्षता कम रहती है, इस प्रकार के सोलर पैनल खराब मौसम में कम बिजली उत्पादन करते हैं।
- मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल– इस प्रकार के सोलर पैनल में सिंगल क्रिस्टल सिलिकॉन का प्रयोग होता है, इनकी दक्षता अधिक रहती है, ये सोलर पैनल खराब मौसम में भी बिजली बनाते हैं।
- बाईफेशियल सोलर पैनल– ये सबसे आधुनिक तकनीक के सोलर पैनल होते हैं, जो दोनों ओर से बिजली बनाने का कार्य करते हैं, इस प्रकार के सोलर पैनल भी खराब मौसम में बिजली का उत्पादन कर सकते हैं।
सोलर पैनल में लगे सोलर सेल के प्रकार के आधार पर बिजली का उत्पादन होता है, सोलर सेल ही बिजली बनाने का काम करते हैं।
सोलर पैनल के काम करने की प्रक्रिया
सोलर पैनल में लगे सोलर सेल को PV सेल (फोटोवोल्टिक सेल) कहा जाता है, जब सोलर सेल पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है, तो ऐसे में वे फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के कारण अपने इलेक्ट्रॉन को मुक्त करते हैं, इन्हीं मुक्त इलेक्ट्रॉन के प्रवाह से बिजली बनती है, सोलर पैनल में लगे सोलर सेल सिलिकॉन जैसे अर्धचालक पदार्थों से बने होते हैं। सोलर पैनल द्वारा DC के रूप में बिजली का उत्पादन किया जाता है।