सभी धान किसानो के लिए ये एक महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है जैसे धान की फसल में कीट और बीमारियों के नियंत्रण कैसे करे है, तना छेदक, पत्ता लपेट, शीत ब्लाइट, और तेले जैसे कीटों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए किन इन्सेक्टिसाइड और फंजीसाइड के कॉम्बिनेशन का प्रयोग करे । धान की फसल में पहले इंसेक्टिसाइड और फंजसाइड का स्प्रे कैसे करें। यह जानकारी आपको फसल की स्थिति, बीमारियों और कीटों के अनुसार सही दवा और मात्रा चुनने में मदद करेगी।
आमतौर पर, पहला स्प्रे बुवाई के लगभग 30-45 दिन बाद किया जाता है, जब पौधे अच्छी तरह से विकसित हो जाएं। पहले स्प्रे में मुख्य रूप से फफूंदनाशक (फंगीसाइड) शामिल किया जाता है। यह इसलिए क्योंकि बुवाई के शुरुआती चरण में फफूंदजनित रोग जैसे शीत ब्लाइट, धान का भूरा धब्बा आदि अधिक प्रकोप करते हैं। कुछ सामान्य फंगीसाइड जो पहले स्प्रे में इस्तेमाल किए जा सकते हैं, वे हैं:
कार्बेंडाजिम: यह एक व्यापक स्पेक्ट्रम फंगीसाइड है जो कई प्रकार के फफूंद रोगों को नियंत्रित करता है।
मैन्कोजेब: यह भी एक व्यापक स्पेक्ट्रम फंगीसाइड है जो बीज उपचार और पौधों के छिड़काव दोनों के लिए उपयोग किया जाता है।ट्राइकोडर्मा विरिडे: यह एक जैविक फंगीसाइड है जो मिट्टी में रहने वाले हानिकारक फफूंदों को नियंत्रित करता है।
अब धान पीआर की फसल लगभग 70 से 75 दिन पुरानी हो गई है। 15 जून को रोपाई की गई थी और अब दूसरा स्प्रे करने का वक़्त आ गया है। पहले 15 दिन पहले एक इंसेक्टिसाइड और फंजसाइड का स्प्रे किया था और इसके अच्छे परिणाम मिले हैं।
तना छेदक और पत्ता लपेटा की समस्या
धान PR की फसल में शुरू से ही तना छेदक की तितलियां और पत्ता लपेटा का आक्रमण दिखने लगे । इस स्थिति में, सस्ते और प्रभावशाली विकल्प निम्नलिखित हैं:
कारटैप एसपी 50 : 250 ग्राम इमामेक्टिन बेंजोएट : 100 ग्राम (दानेदार)
इन दोनों दवाओं का मिलाकर उपयोग करने से प्रति एकड़ खर्च 50 रुपये के आसपास आता है और परिणाम अच्छे मिलते हैं।
तितलियों की समस्या
यदि फसल में तितलियां अधिक मात्रा में दिख रही हैं, तो निम्नलिखित दवाओं का उपयोग करें:
डेल्टामेथ्रिन: 100 ग्राम , अल्फामेथ्रिन: 150 ग्राम या अल्फा मेथलीन: 150 एमएल
इनका उपयोग करने से तितलियां भी समाप्त हो जाएंगी और परिणाम भी प्रभावी होंगे।
दूसरे स्प्रे के लिए
तना छेदक के लिए सस्ता और प्रभावी समाधान
क्लोरेंट्रानिलिप्रोले: 100 मिली और डेल्टामेथ्रिन: 100 मिली
इसके 150 Ml पैक की कीमत 600 से 800 रुपये के बीच होती है। इन दोनों को मिलाकर एक एकड़ में स्प्रे करें। इस फार्मूला को बासमती में उपयोग किया है और परिणाम अच्छे मिले हैं।
इन दवाओं के उपयोग से तना छेदक और पत्ता लपेटा की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। खर्च 450 से 500 रुपये के आसपास ही आएगा, जो कि प्रभावी और सस्ता समाधान है।
शीत ब्लाइट के लक्षण:
शीत ब्लाइट एक ऐसी बीमारी है जो अधिक बारिश और पानी में तेजी से फैलती है। यह आमतौर पर खेत की बाउंड्री से शुरू होती है और पौधे के नीचे वाले भाग से ऊपर की ओर बढ़ती है। बीमारी के दौरान, पौधों पर स्लेटी रंग के बादल जैसे धब्बे दिखाई देते हैं, जो बाद में बालियों और दानों तक पहुंच सकते हैं।
शीत ब्लाइट को नियंत्रित करने के लिए सबसे प्रभावी दवा है Thiofluzamide, जिसे पल्सर, मत्सूरी या आईग्लेयर के नाम से जाना जाता है। इसका मूल्य लगभग 2200 रुपये प्रति लीटर होता है। प्रति एकड़ 160 एमएल की मात्रा का उपयोग करना पर्याप्त है। यदि बीमारी अधिक गंभीर है, तो आप 200 एमएल प्रति एकड़ तक भी उपयोग कर सकते हैं।
तना छेदक और पत्ता लपेट के लिए स्प्रे
यदि आपकी फसल में तना छेदक की तितलियां और पत्ता लपेट का हमला हो रहा है, तो इसके लिए उपयुक्त दवाएं निम्नलिखित हैं:
बेल्ट एक्सपर्ट (Flubendiamide 19.92%, Thiacloprid 19.92%): इसकी कीमत लगभग 850 रुपये प्रति 100 एमएल है। यह लार्वा, सुंडी कीट, और रस टूस वाले कीटों पर प्रभावी है। इसकी डोज 80 एमएल प्रति एकड़ होती है।
डेल्टामेथ्रिन: 100 एमएल या अल्फामेथ्रिन: 150 एमएल प्रति एकड़ मिलाकर स्प्रे करें। यह तितलियों को नियंत्रित करने में सहायक है।
स्प्रे के समय: लेट बिजाई के कारण बासमती में तना छेदक का हमला अधिक होता है, इसलिए इस स्थिति में विशेष ध्यान दें और उचित दवाओं का प्रयोग करें।
फंजीसाइड का उपयोग
एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3%: 330 मिली/एकड़। यदि समस्या अधिक है, तो 400 एमएल तक भी उपयोग कर सकते हैं। इसका मूल्य 1800 से 2200 रुपये प्रति लीटर होता है।
एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 18.2% + डिफ़ेनाकोनाज़ोल 11.4%: 200-250 मिली/एकड़। इस फंजीसाइड का भी मूल्य 1800 से 2200 रुपये प्रति लीटर के बीच होता है।
ये फंजीसाइड्स ब्रॉड स्पेक्ट्रम होते हैं और कई बीमारियों को नियंत्रित करने में सक्षम हैं। ये दानों में चमक लाते हैं और पत्तियों को हरा बनाए रखते हैं।
दवा का उपयोग और मिश्रण
दवा का मिश्रण और उपयोग: सभी दवाओं को मिलाकर एक ही स्प्रे टैंक में डालें। सिलिकॉन बेस्ड स्प्रेडर का उपयोग भी करें, जो 1300-1400 रुपये प्रति लीटर में मिलता है। प्रति टंकी 5 एमएल मिला लें। यह दवा का फैलाव बेहतर करता है और पौधों के ऊपर से नीचे तक दवा पहुँचाने में मदद करता है।
नोट: सभी दवाओं का अलग-अलग घोल बनाएं और सुनिश्चित करें कि सभी दवाएं अच्छी तरह से मिश्रित हों।
धान की फसल में कीट-रोग नियंत्रण एक जटिल प्रक्रिया है। किसानों को फसल की स्थिति, मौसम और कीट-रोगों के प्रकोप के आधार पर उचित निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। इस लेख में दी गई जानकारी आपको धान की फसल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है।
नोटः दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इन्टरनेट पर उपलब्ध भरोसेमंद स्त्रोतों से जुटाई गई है। किसी भी जानकारी को प्रयोग में लाने से पहले नजदीकी कृषि सलाह केंद्र से सलाह जरूर ले लें