नई दिल्ली: दिवाली से पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने ई-चालान वालों को एक बड़ा तोहफा देकर उनका दिल जीत लिया है। एक अहम कदम उठाते हुए, सरकार ने पाँच साल तक पुराने सभी ई-चालान माफ कर दिए हैं, जिससे सभी को बेहद खुशी हुई है। ये चालान पोर्टल पर डिस्पोज़्ड – एबेटेड और क्लोज्ड – टाइम-बार्ड श्रेणियों में प्रदर्शित किए जाएँगे।
इससे इन ई-चालान से जुड़ी बाधाएं, जैसे फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और एचएसआरपी, स्वतः ही दूर हो जाएंगी। टैक्स से जुड़े चालान भी इस छूट के दायरे में नहीं आएंगे। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के अनुसार, 2017 से 2021 के बीच ई-चालान माफ किए गए हैं। इस दौरान राज्य में 30,52,090 ई-चालान जारी किए गए।
इनमें से 12,93,013 चालान लंबित थे। अब तक 17,59,077 चालान निपटाए जा चुके हैं। ये ई-चालान अब स्वतः ही समाप्त हो जाएँगे। सभी ई-चालान की जानकारी एक महीने के भीतर पोर्टल पर डाल दी जाएगी। आप यहाँ देख सकते हैं।
ड्राइवरों को क्या करना चाहिए?
यदि आपका चालान 2017-2021 का है और अभी भी पोर्टल पर अवरुद्ध दिख रहा है, तो आप ई-चालान/परिवहन पोर्टल पर जाकर एक महीने बाद स्थिति की जांच कर सकते हैं।
इसके अलावा, यदि मामला अदालत में लंबित था, तो यह निपटाया गया – समाप्त के रूप में प्रदर्शित होगा, और सभी समस्याएं हल हो जाएंगी।
यह राहत कर-संबंधी मामलों पर लागू नहीं होगी। इन्हें केवल कर कानून के तहत ही सुलझाया जा सकता है।
सहायता के लिए आप हेल्पलाइन 149 या निकटतम आरटीओ/एआरटीओ से संपर्क कर सकते हैं।
यह निर्णय क्यों लिया गया?
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के अनुसार, केवल उन्हीं चालानों को माफ़ किया जाएगा जो 31 दिसंबर, 2021 तक अदालत में लंबित थे। कुछ चालान जो अदालत तक नहीं पहुँचे और जिनकी समय सीमा बीत चुकी है, उन्हें भी प्रशासनिक रूप से बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा, कर, गंभीर अपराध, दुर्घटना या भारतीय दंड संहिता से संबंधित मामलों से संबंधित चालान इस छूट से बाहर रहेंगे।
आप रिपोर्ट कहां देख सकते हैं?
जानकारी के लिए, पोर्टल पर सभी लंबित चालान एक महीने के भीतर निपटा दिए जाएँगे। इसके अलावा, प्रगति की जानकारी हर हफ्ते एक डैशबोर्ड पर पोस्ट की जाएगी। एनआईसी पोर्टल में आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं।
इससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित हो जाएगी। इसके अलावा, कर देनदारियाँ, पहले से अर्जित दंड और अदालती आदेश भी समान रहेंगे।