गेंहू की किसानों को मिलेगी अनाज की तगड़ी कीमत। चलिए जानें गेहूं के भाव बढ़े क्यों है, किन राज्यों में अधिक कीमत पर हो रही गेंहू की बिक्री।
गेहूं हुआ महंगा
गेहूं की खेती करने वाले किसानों को बता दे कि गेहूं के भाव बढ़ रहे हैं, गेहूं महंगा हो रहा है। जिसमें समर्थन मूल्य को भी गेहूं के भाव पीछे छोड़ रहे हैं। जी हां समर्थन मूल्य एमएसपी से भी ज्यादा दोगुनी रेट पर गेहूं बिक रहा है। देश भर में गेहूं की कीमतों को लेकर एक बड़ा मुद्दा बन रहा है। कई ऐसे राज्य हैं जहां पर गेहूं के भाव आसमान छू रहे हैं। जबकि कुछ राज्यों में कीमतें अभी भी गिरी हुई है। यानी कि कहीं ज्यादा तो कहीं गेहूं के भाव कम है।
यहां पर गेहूं के किसानों को तो गेहूं के भाव बढ़ने से फायदा है। लेकिन आम जनता को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है तो चलिए जानते हैं किन राज्यों में गेहूं की कीमत अधिक है और कहां कम, इसके बाद हमें जानेंगे कि गेहूं के भाव बढ़ने के कारण क्या है।
राज्यों में गेहूं की कीमत
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए कहां कीमत ज्यादा है और कहां सबसे कम।
- गोवा में गेहूं की औसत थोक कीमत ज्यादा है। जिसमें बताया जा रहा है कि ₹50 किलो औसत थोक में गेहूं जा रहा है।
- इसके बाद बात करें तो दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र आ रहा है। जहां पर औसत थोक गेहूं की कीमत 39.74 किलो के हिसाब से जा रही है।
- महाराष्ट्र के बाद गुजरात आता है। जहां कीमत 35.14 रुपए औसत थोक प्रति किलो है।
- इसके बाद दिल्ली में ₹31 औसत हो प्रति किलो गेहूं है।
- सबसे कम कीमत उत्तर प्रदेश में है। जहां पर औसत थोक 28.67 रुपए किलो गेहूं है।
इस तरह आप देख सकते हैं गोवा में कीमत ₹50 है।
गेहूं के भाव बढ़ने के कारण
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए गेहूं की कीमतें क्यों बढ़ रही है, इसका कारण क्या हो सकता है।
- सबसे पहले हम बात कर लेते हैं गोवा की। क्योंकि वहां पर गेहूं की कीमत सबसे ज्यादा है तो वहां हो सकता है कि अन्य राज्यों से गेहूं मंगाया जाता है। जिसकी वजह से परिवहन लागत बढ़ जाती है। इससे वहां गेहूं की रेट ज्यादा है।
- इसके बाद दूसरा एक यह भी सवाल उठता है कि अभी गेहूं का सीजन नहीं है। इसलिए भी गेहूं के रेट ज्यादा है। जैसे ही सीजन आएगा तो हो सकता है कि कीमत कम भी हो सकती हैं। अभी किसान गेहूं बो रहे हैं और गेहूं की मांग तो उतनी ही है, इसीलिए आपूर्ति में संतुलन न होने से कीमतें अधिक हो गई है।
- बताया जा रहा है कि गेहूं का स्टॉक है, लेकिन फिर भी बाजार में गेहूं उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण भी कीमत बढ़ रही है जिसमें भारतीय खाद्य निगम और राज्य एजेंसी के पास बफर स्टॉक है पर बाजार में गेहूं नहीं है।
- गेहूं के भाव बढ़ने के पीछे कारोबारी का भी हाथ हो सकता है। सीजन ऑफ है इसलिए व्यापारी कारोबारी इस समय गेहूं के भाव तेज करके लाभ ले रहे हैं। जिन किसानों ने गेहूं को अच्छे से भंडारी करके रखा होगा उन्हें भी समय फायदा होता होगा।
इस तरह आप देख सकते हैं गेहूं की कीमतें इस समय तो बड़ी हुई है। लेकिन आने वाले समय में घट भी सकती है। लेकिन एक बात यह समझ में आती है कि अगर किसान बढ़िया से गेहूं का भंडारण करें कम कीमतों पर ना बिक्री कर तो बाद में कीमत ज्यादा भी मिल सकती है। लेकिन यह निश्चित नहीं है की कब कीमत मिलेगी और कब नहीं।