गेहूं की ग्रोथ और पैदावार बढ़ानी है तो दूसरी सिंचाई के समय कर ले यह जुगाड़। गेहूं की बुवाई हर तरफ हो चुकी है। फिलहाल गेहूं में सिंचाई का दौर चल रहा है। अब ऐसे में कई किसान गेहूं की पैदावार को बढ़ाने के लिए कई प्रकार के तरीके ढूंढ रहे हैं अब ऐसे में मौसम भी बदलता नजर आ रहा है। कड़ाके की ठंड पड़ रही है। अब ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है सिंचाई का जो आपको सही समय पर और सही तरीके से करना होगा तभी आपको सही उत्पादन प्राप्त होगा। आपको गेहूं की फसल के लिए सही उर्वरकों का इस्तेमाल करना होगा।
जिससे कि गेहूं की फसल में गुणवत्ता और उत्पादन दोनों ही अच्छा प्राप्त हो सके। फिलहाल किसान भाई पहली सिंचाई का कार्य कर रहे हैं। लेकिन उनको इसके बाद दूसरी सिंचाई कब करनी है इस बात का ज्ञान होना बहुत ज्यादा आवश्यक है। अगर आप सही समय पर सिंचाई करेंगे और सही उर्वरक फसल को देंगे तो ऐसे में आपको 15 से 20% ज्यादा उत्पादन प्राप्त होगा। दूसरी सिंचाई का समय ऐसा होता है जब पौधा तेजी से बढ़ता है और इसमें कल्ले बनना शुरू होते हैं।
जड़ों में वृद्धि होती है तब आपको पौधे का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में आपको इस बात का खास ध्यान रखना है कि आपको दूसरी सिंचाई के बाद कौन सा उर्वरक डालना है इस बारे में आपको पता होना चाहिए। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
गेहूं में दूसरी सिंचाई का सही समय
गेहूं में सिंचाई की अगर बात करते हैं तो फिलहाल पहली सिंचाई का दौर चल रहा है जो कि गेहूं की बुवाई के बीच से 25 दिन के अंतराल में होती है। इसके बाद में दूसरी सिंचाई की अगर बात करें तो इसको लगभग आपको 40 से 45 दिनों के अंदर करना चाहिए यह सबसे सही समय होता है दूसरी सिंचाई करने का। विशेषज्ञों की माने तो यह तरीका अपनाने से कई सारे फायदे देखने को मिलते हैं।
अगर आप यह तरीका अपनाते हैं तो इससे आपकी फसल में अच्छी ग्रोथ होगी साथ ही टिलरिंग और फुटाव की प्रक्रिया भी अच्छी होगी। ऐसे में मौसम और जलवायु के चलते मिट्टी में नमी की मात्रा अधिक हो या नमी की मात्रा कम हो तब आप दो-चार दिन आगे पीछे भी सिंचाई कर सकते हैं। गेहूं की फसल को अगर सही समय पर उचित नहीं मिल जाती है तो कल्लो की संख्या भी बढ़ जाती है। जिसके चलते आपको लगभग 15 से 20% ज्यादा गेहूं का उत्पादन मिलता है।
गेहूं में उर्वरकों का इस्तेमाल
गेहूं की फसल में पैदावार अच्छी प्राप्त करने के लिए सही उर्वरकों का और सही समय पर उर्वरकों का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी होता है। गेहूं की फसल में अच्छी वृद्धि के साथ-साथ कल्लो की संख्या बनाने के लिए आपको कुछ खास उर्वरकों का इस्तेमाल करना होता है। जिसके कि आपकी फसल में पैदावार अच्छी मिल सके और इसकी गुणवत्ता एवं हो साथ ही फसल अच्छे से ग्रोथ कर सके।
माइक्रो न्यूट्रिएंट्स
आपको गेहूं की ग्रोथ और अच्छे कल्ले तैयार करने के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है यह तत्व पौधे की समग्र वृद्धि में बहुत ज्यादा सहायक होते हैं। इससे जड़ों का विकास और हरेपन में वृद्धि और पौधे की स्वस्थता बनी रहती है। सब पोषक तत्वों को पूरा करने के लिए बायोडाटा एक ऐसा उत्पाद है जो एक जैविक उत्पाद है जो सूक्ष्म पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। आप इसका इस्तेमाल इसमें कर सकते हैं।
अगर आप इसका इस्तेमाल दूसरी सिंचाई के बाद में करते हैं तो यह आपके लिए सबसे ज्यादा मददगार साबित होगा। वैसे तो यह कई प्रकार से मिलता है लेकिन आप इसको दानेदार रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप प्रति एकड़ 5 किलो बायोबीटा का इस्तेमाल करते हैं तो यह सबसे सही होगा।
यूरिया का इस्तेमाल
यूरिया एक ऐसा उर्वरक है जो आपकी गेहूं की फसल के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। गेहूं की फसल में पहली सिंचाई और दूसरी सिंचाई के बाद आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप यूरिया का सही इस्तेमाल यानी की प्रति एकड़ 35 से 40 किलो का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी फसल के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह फसल में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करता है। यूरिया के इस्तेमाल से पौधा तेजी से बढ़ता है फ़ुटाव भी होता है साथ ही फसल की ग्रोथ भी अच्छी होती है।