विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई वैरायटी विकसित की है। जिससे किसानों को अधिकतम 64.5 क्विंटल तक उत्पादन एक हेक्टेयर से मिल सकता है-
गेहूं की वैरायटी
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा गेहूं की नई वैरायटी विकसित की गई है। जिसका नाम WH 1309 है। यह गेहूं की पछेती किस्म है। आपको बता दे की हरियाणा राज्य बीज उप समिति की अनुशंसा में यह वैरायटी विकसित की गई है जो की गर्मी सहन कर सकती है। अगर देरी से बुवाई करते हैं और मार्च महीने में ज्यादा गर्मी होती है तो भी किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा।
प्रति हेक्टेयर न्यूनतम और अधिकतम उत्पादन कितना मिलेगा
WH 1309 गेहूं की किस्म अगर किसान खेतों में लगाते हैं तो सिंचित परिस्थितियों में किसानों को इससे 54.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से लेकर 64.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन मिल सकता है। अधिकतम उत्पादन इसमें 64.5 क्विंटल मिल सकता है, और औसत उपज इससे 5.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है। यह वैरायटी किसानों के लिए अधिकतम उत्पादन देने वाली मानी गई है।

इस वैरायटी के लिए खाद और खेती में लगने वाला समय
किसान अगर यह वैरायटी लगाते हैं तो 123 दिन में फसल तैयार हो जाती है। जिसमें 83 दिन में बाली आने लगते हैं। अच्छा उत्पादन लेने के लिए किसानों को बढ़िया से खेत तैयार और खाद भी डालना चाहिए। जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, जिंक सल्फेट जैसे खाद की जरूरत है। जिसमें किसानों मात्रा की बात करें तो नाइट्रोजन 150, पोटाश 30, जिंक सल्फेट 25, और फास्फोरस 60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। जो किसान देर से बुवाई करेंगे उनके लिए यह अच्छी वैरायटी है। इसकी खेती के लिए 1 दिसंबर से 20 दिसंबर के बीच का समय अच्छा होता है। एक हेक्टेयर में 125 किलोग्राम बीच की जरूरत पड़ेगी। जिससे फसल अच्छे से विकसित होगी।