किसान अगर गेहूं की खेती से इस साल पिछले साल के मुकाबले ज्यादा उत्पादन लेना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं इसके लिए गेहूं की बुवाई में क्या काम करना जरूरी है।
गेहूं का उत्पादन कैसे बढ़ाएं
इस समय धान की कटाई के बाद कई किसान पिछले साल से अधिक उत्पादन लेना चाहते हैं। आपके लिए हम यहां बता रहे हैं कि इसके लिए क्या-क्या काम करने जरूरी हैं। बहुत सारे किसान यह सवाल करते हैं कि वे खेत की तैयारी अच्छे से करते हैं, बेसल डोज भी सही मात्रा में जरूरत के अनुसार डालते हैं, बढ़िया वैरायटी का चयन भी करते हैं, लेकिन इसके बावजूद उत्पादन कम मिलता है। तो इसका क्या कारण है? आइए जानते हैं इसका कारण और उपाय।
गेहूं के बीज का उपचार कैसे करें
किसानों को गेहूं की खेती में बढ़िया उत्पादन लेने के लिए बेसल डोज के साथ-साथ बीज की प्रक्रिया (ट्रीटमेंट) का भी ध्यान रखना चाहिए। बीज का उपचार करने से गेहूं की फसल का संपूर्ण विकास अच्छा होता है और किसानों को बेहतर उत्पादन मिलता है।
अगर किसान बीज का उपचार नहीं करते हैं, तो फसल में कीट या फफूंदी (फंगस) लग सकती है। शुरुआत में यह दिखाई नहीं देता, लेकिन जैसे ही बीज का अंकुरण होता है, लगभग 15 से 20 दिन बाद पौधों में कीट या रोग लगने लगते हैं। लाल रंग के धब्बे दिखाई पड़ते हैं, फसल सूखने लगती है, विकास रुक जाता है और उकठा रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है। इन सब समस्याओं का मुख्य कारण बीज का उपचार न करना होता है। इसलिए नीचे दिए गए बिंदुओं के अनुसार बीज का उपचार जरूर करें।

बीज उपचार की विधि
- गेहूं के बीजों का उपचार करने के लिए आपको इंसेक्टिसाइड (कीटनाशक) Fipronil 5% SC या Imidacloprid 17.8% और फंगीसाइड का प्रयोग करना चाहिए।
- इसके साथ-साथ कार्बन डाइऑक्साइड बेस्ड ट्रीटमेंट का भी उपयोग किया जा सकता है।
- इसके अलावा, किसानों को बीज की बोरी में मिलने वाले थायरम 75% W.S. पाउडर का भी प्रयोग करना चाहिए।
- थायरम को बीज में अच्छी तरह मिलाकर बीजों को उपचारित करें, फिर उनकी बुवाई करें।
