इस समय अधिकतर किसान गेहूं की खेती कर रहे हैं। इसलिए उन्हें गेहूं के बीजों की असली पहचान होनी चाहिए, नहीं तो उनका पैसा और समय दोनों बर्बाद हो सकते हैं।
नकली गेहूं के बीजों से किसानों को नुकसान
खेती में किसान पैसा ही नहीं, बल्कि एक लंबा समय भी लगाते हैं। इस समय किसान गेहूं की बुवाई में जुटे हुए हैं, जिसके लिए पहले वे खेत की तैयारी करते हैं, फिर गेहूं के बीजों की बुवाई करते हैं, उसके अंकुरित होने तथा विकसित होने का इंतजार करते हैं। अगर किसान नकली गेहूं के बीज लगा देंगे तो उनका अंकुरण ठीक से नहीं होगा। यदि अंकुरण हो भी जाए तो पौधे का विकास सही तरीके से नहीं होता और किसानों को उत्पादन कम मिलता है। इसलिए किसानों को नकली बीजों से बचकर रहना चाहिए।
आजकल गेहूं की कुछ वैरायटी बहुत ज्यादा डिमांड में हैं। इसी का फायदा उठाकर कुछ धोखेबाज लोग डिमांड वाली वैरायटी के डुप्लीकेट पैकेट बनाकर उनमें नकली या खराब क्वालिटी के बीज भर देते हैं। ऊपर से पैकेट कंपनी के नाम वाला होता है, लेकिन अंदर का बीज या तो खराब होता है या कम क्वालिटी का, जिससे किसानों को अच्छा परिणाम नहीं मिलता। तो आइए जानते हैं किसान नकली बीज की पहचान कैसे करें और पैकेट देखकर कैसे समझें कि यह असली बीज का पैकेट नहीं है।
गेहूं के नकली बीजों की पहचान कैसे करें?
पैकेट पर लगे होलोग्राम की जांच करें
किसान गेहूं के बीजों का पैकेट देखकर ही असली और नकली बीज की पहचान कर सकते हैं। असली पैकेट पर एक होलोग्राम लगा होता है, जो चमकीला और पन्नी जैसा होता है। इसमें एक कोड होता है जिसे खुरचने पर दिखाई देता है। इस कोड को कंपनी के दिए गए नंबर पर एसएमएस करना होता है, जिसके बाद कंपनी मैसेज करके बताती है कि आपका बीज असली है या नकली।
जैसे कि अगर किसान ‘श्रीराम सुपर’ की किसी वैरायटी का गेहूं लेते हैं, तो होलोग्राम पर दिए गए नंबर 8340000181 पर कोड भेजकर असली व नकली बीज की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
लोगो की जाँच करें
इसके अलावा पैकेट पर ‘श्रीराम सुपर’ का लोगो भी लगा रहता है, जो असली पैकेट की पहचान कराता है। यह लोगो सामान्य रोशनी में आसानी से नहीं दिखता। टॉर्च लगाने पर यह चमकीला लोगो दिखाई देता है। यह लोगो बोरी के ऊपरी हिस्से में होता है।
QR कोड स्कैन करें
पैकेट पर एक क्यूआर कोड भी होता है। इसे स्कैन करके आप चेक कर सकते हैं कि पैकेट पर जो जानकारी लिखी है, वही आपके मोबाइल पर भी दिखाई दे रही है या नहीं।
अंकुरण परीक्षण करें
अगर बीज को देखकर किसान को संदेह हो कि यह नकली हो सकता है, तो पहले अंकुरण परीक्षण कर सकते हैं। इसके लिए बीज को गीले कपड़े में लपेटकर 2–3 दिन किसी गर्म जगह पर रखना होता है। यदि 80% से ज्यादा बीज अंकुरित हो जाते हैं, तो बीज असली माना जा सकता है।
कृषि विभाग से जाँच करवाएं
अगर फिर भी किसान को बहुत ज्यादा संदेह हो कि बीज नकली है, तो वे नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या कृषि विभाग में संपर्क करके बीज की जांच करवा सकते हैं।
