रबी सीजन में किसान ज्यादातर गेहूं की खेती करते हैं। लेकिन चलिए आपको दो ऐसी फसलों की बारे में बताते हैं जिनसे किसान को अधिक मुनाफा हो रहा है।
5 लाख रु एक सीजन में
खेती किसानी में मुनाफा है, लेकिन उन फसलों का चुनाव करें जिससे अधिक कमाई हो तो ही फायदा होता है। जिसमें लागत भी कम आये और कम समय में फसल तैयार होकर किसानों को मुनाफा दे। जिसमें आज हम आपको दो ऐसी फसलों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें एक फसल तो 25 दिन में तैयार हो जाती है और इन दो फसलों की खेती से किसान 5 लाख तक एक सीजन में आराम से कमा लेते हैं। किसान मिर्जापुर के एक गांव के रहने वाले हैं, जिनका नाम असगर है। चलिए बताते हैं वह कौन सी दो फसलों की खेती रबी सीजन में करते हैं।
इन दो फसलों की खेती में मुनाफा
मुनाफे वाली फसलों का चयन करके किसान कम लागत कम समय में अच्छी आमदनी अर्जित कर सकते हैं। जिसमें किसान असगर बताते हैं कि वह रबी सीजन में मक्का के साथ सरसों और चना की भी खेती करते हैं। जिसमें मक्का और सरसों की खेती में उन्हें बंपर मुनाफा होता है। उन्होंने खेती का तरीका भी बताया है कि वह किस तरीके से खेती करते हैं। जिसमें 7 एकड़ में वह मक्का लगाते हैं जबकि 10 कट्ठे की जमीन में सरसों की खेती करते हैं।
सरसों के साग से भी उन्हें बढ़िया आमदनी हो जाती है। इन दोनों फसलों से वह एक सीजन में 5 लाख कमा लेते हैं। सरसों के साग 25 दिन में तैयार हो जाती है। इसी तरह मक्के की भी कीमत अच्छी और कम समय में मिल जाती है तो चलिए बताते हैं वह सरसों और मक्के की खेती कैसे करते हैं।
सरसों और मक्के की खेती
- किसान असगर सरसों और मक्के की खेती करते हैं।
- सरसों की खेती के बारे में उनका कहना है कि 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच में ही इसकी बुवाई कर लेनी चाहिए।
- सरसों के लिए उन्होंने बलुई दोमट मिट्टी बेहतर बताइ इसमें अच्छा उत्पादन मिलता है।
- सरसों की फसल 1 महीने में तैयार हो जाती है और उनसे उन्हें कमाई होने लगती है।
- मक्के की फसल के बारे में उनका कहना है कि इसमें चार से पांच सिंचाई की आवश्यकता होती है।
- मक्के की खेती करने के लिए दो से तीन बार बढ़िया जुताई करके रोटावेटर से मिट्टी को भुरभुरा कर सकते हैं। खेत में गोबर की पुरानी खाद डालें, एक एकड़ में 10 टन गोबर की खाद दे सकते हैं।
- मक्के के बीजों को 4 से 5 सेंटीमीटर की गहराई में बो सकते हैं।
- मक्के की खेती में दो लाइन के बीच की दूरी 60 सेमी और दो पौधों के बीच की दूरी 18 से 20 सेंटीमीटर रख सकते है।