किसान साथियो भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहां पर किसान देश की रीढ़ माने जाते हैं। खेत किसानी की कुछ ऐसी फसलें हैं जिनमे किसानों के साथ-साथ व्यापरियों को भी काफी दिलचस्पी रहती है। खास तौर पर ग्वार जैसी फसलें जिनके भाव मे ज़बरदस्त तरीके से फेरबदल होता है। इसलिए ग्वार भारतीय कृषि की महत्वपूर्ण फसलों में से एक है, जो न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसीलिए अक्सर ग्वार की तेजी मंदी को लेकर जगह जगह सेमिनार भी आयोजित किए जाते हैं। जहां पर ग्वार के जानकार किसान और व्यापारी अपनी राय रखते हैं हालांकि वर्तमान में ग्वार के भाव मंदी में चल रहे हैं , लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में भावों में कुछ तेजी देखने को मिल सकती है । सरकार द्वारा किए जा रहे नीतिगत परिवर्तनों के साथ साथ किसानों के लिए दी जा रही सुविधाएं भी ग्वार की फसल के विकास और उत्पादन बढ़ोतरी में सहायक हो सकती है। इस रिपोर्ट में हम (ग्वार) के उत्पादन, इसके बाजार भाव, और भविष्य में बनने वाली तेजी मंदी पर चर्चा करेंगे। विशेष रूप से, हम जानेंगे कि उत्पादन के आंकड़े क्या इशारा कर रहे हैं, इन्हें देखते हुए भावों में संभावित उतार-चढ़ाव, ग्वार और ग्वार गम उद्योग के प्रति सरकारी विचारधारा क्या है । ग्वार के फंडामेंटल इस समय क्या इशारा दे रहे हैं? तो दोस्तों शुरू करते हैं
ग्वार उत्पादन को लेकर बाजार में क्या है खबरें
किसान साथियो ग्वार का अधिकतर उत्पादन भारत में मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, और गुजरात में होता है। ग्वार इन राज्यों में उगाई जाने वाली एक प्रमुख फसल है। भारत विश्व का सबसे बड़ा ग्वार उत्पादक देश है, कुल उत्पादन का करीब 80% उत्पादन राजस्थान में होता है। इस समय मंडियों में ग्वार की आवक कम होने के कारण इस साल ग्वार के उत्पादन का सही अनुमान नहीं लगाया जा सका है, लेकिन सरकारी आंकड़ों की माने तो इस वर्ष ग्वार की बुवाई का रकबा लगभग पिछले साल के बराबर ही है। हालांकि ग्वार विशेषज्ञों का कहना यह है कि कुछ क्षेत्रों में मामूली कमी देखने को मिल सकती है। खासकर राजस्थान में, जहां अन्य फसलों जैसे मूंग और अन्य दलहन की ओर किसानों का रुझान बढ़ा है। जिसके चलते ग्वार की बुवाई का क्षेत्रफल थोड़ा घटा है। सूत्रों के अनुसार, ग्वार के उत्पादन के आंकड़े दिसंबर तक ही स्पष्ट हो पाएंगे। यह देखा गया है कि साल की शुरुआती तीन महीनों में जितनी ग्वार की आवक होती है, वही पूरे साल की प्रवृत्ति का अनुमान देती है। पिछले 5 सालों में यह ट्रेंड देखा गया है कि शुरुआती तीन महीनों की आवक, साल भर की कुल आवक का एक प्रमुख संकेतक बनती है
ग्वार को लेकर क्या है सरकार की विचारधारा:
किसान साथियों सरकार की भविष्य की योजनाओं पर नजर डालें, तो ग्वार के क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। ग्वार जैसी महत्वपूर्ण फसलें, जिनका औद्योगिक और व्यावसायिक उपयोग बढ़ा है, उनके लिए सरकार आधुनिक तकनीक और सिंचाई सुविधाओं के विस्तार पर ध्यान दे रही है। ग्वार गम, जो ग्वार से प्राप्त होता है, इस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग में है। इसे देखते हुए सरकार किसानों को उन्नत बीज, बेहतर खेती के तरीके और विपणन सुविधाओं में मदद प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है। सरकार का ध्यान इस पर भी है कि कैसे घरेलू और विदेशी बाजारों में ग्वार की मांग को बढ़ावा दिया जाए। अधिक अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से, सरकार ग्वार की फसल की उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाने के प्रयास कर रही है। इसके अलावा, नीतिगत सुधार और कृषि के क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर किसान कल्याण के लिए कार्य किए जा रहे हैं।
क्या हैं ग्वार के मौजूदा बाजार भाव
किसान भाइयों अगर देखा जाए तो काफी अरसे से ग्वार के भाव लगातार दबाव में चल रहे हैं। वर्तमान में भी ग्वार के बाजार में मंदी का दौर चल रहा है। विभिन्न मंडियों से मिले आंकड़ों के अनुसार, ग्वार के भाव 4,500 से 5,000 प्रति क्विंटल के आसपास हैं, जबकि कुछ प्रमुख मंडियों में यह थोड़ा अधिक या कम हो सकता है। कुछ प्रमुख मंडियों में ग्वार के भाव में मामूली तेजी देखने को मिली। आज के ताजा भाव की बात करें तो, सिरसा मंडी में ग्वार के भाव 5340 प्रति क्विंटल,आदमपुर मंडी में 5430 प्रति क्विंटल रहे । हरियाणा की मंडियों में ग्वार के भाव लगभग 5390 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रहे। अगर बात करें राजस्थान की मंडियों की तो राजस्थान में ग्वार के भाव 5150 प्रति क्विंटल के आस-पास देखे गए हैं। गुजरात की मंडियों में ग्वार के भाव 5450 प्रति क्विंटल के दायरे में रहे। और मध्य प्रदेश की मंडियों में आज ग्वार की बोली₹5000 के आसपास रही।
वायदा बाजार में क्या चल रहे हैं भाव
ग्वार के वायदा बाजार के भाव की बात करें तो एनसीडेक्स पर ग्वार गम का भाव 11282 का चल रहा है और गवार सीड का भाव 5530 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है शुक्रवर को ग्वार ग़म में 28 और ग्वार सीड में 30 रुपए की तेजी दर्ज की गई
ग्वार का भविष्य
किसान भाइयों ग्वार विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। अगर नेगेटिव खबरों को देखें तो ग्वार का सीज़न होने के कारण सप्लाई का बढ़ना, औद्योगिक मांग में कमी और वैश्विक बाजार में कमजोरी के कारण निकट भविष्य में भावों में बड़ी तेजी तो नहीं दिख रही है। लेकिन, लंबे समय को देखें तो सुधार की संभावना दिख रही है। खबरें मिल रही हैं कि बीमारी के कारण ग्वार की फ़सल में बड़ा नुकसान हुआ है। फसल की स्थिति के आधार पर भावों में सुधार बन सकता है। आवक के आधार पर ही आने वाले समय में उत्पादन के कम होने या ना होने का अंदाजा लगाया जा सकेगा। इसलिए इस समय हम तेजी की थोड़ी बहुत उम्मीद तो लगा सकते हैं लेकिन भावों में तेजी की बड़ी संभावना नहीं है। ग्वार के बड़े विशेषज्ञों का अनुमान है कि जनवरी के आसपास ग्वार के भाव में 300 से 500 प्रति क्विंटल तक की तेजी आ सकती है। दिसंबर के अंत तक ग्वार में 6000 के भाव की उम्मीद लगायी जा सकती है। इसीलिए किसान भाई अपनी आवश्यकता के अनुसार ग्वार के लेनदेन का व्यापार करें।