Keep Snake Away From Home: मॉनसून के आते ही सांपों के घरों में घुसने की घटनाएं बढ़ जाती हैं विशेषकर ग्रामीण और जंगलों के आस-पास रहने वाले लोगों के लिए यह समय बेहद संवेदनशील होता है. इस दौरान सांप के काटने के कई मामले सामने आते हैं, जो कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकते हैं. आदिवासी समाज में सांपों से बचाव के लिए कई पारंपरिक उपाय अपनाए जाते हैं, जिनमें विशेष प्रकार के पौधों और घरेलू उपायों का इस्तेमाल होता है.
घोड़बच का पौधा और सांपों से बचाव
पलामू जिले के चेरो आदिवासी समुदाय के लोग सांपों से बचाव के लिए अपने घरों के बाहर घोड़बच का पौधा (Ghodbach plant for snake prevention) लगाते हैं. इस पौधे की गंध सांपों को घर के अंदर आने से रोकती है. आदिवासी मान्यता के अनुसार, यह पौधा सांपों के लिए ‘लक्ष्मण रेखा’ की तरह काम करता है और यह तरीका बेहद प्रभावी साबित हुआ है. घोड़बच का पौधा छोटा होता है और इसे घर के चारों ओर लगाने से सांपों के हमले से बचा जा सकता है.
महुआ की खली से सांपों को भगाना
अगर कोई सांप गलती से घर के अंदर घुस जाता है तो आदिवासी समाज महुआ की खली (Mahua khali to repel snakes) जलाकर सांपों को भगाने का उपाय करता है. महुआ के डोरी से निकाला गया तेल जब प्रसंस्करण के बाद बचता है तो उसे खली कहते हैं. इस खली को जलाने से निकलने वाला धुआं सांपों को घर से दूर रखने में मदद करता है क्योंकि सांप इस गंध से दूर भागते हैं.
ईश्वर मूल पौधे का उपयोग
सांपों से बचाव के लिए ईश्वर मूल नामक पौधा (Ishwar Mul plant for snake prevention) भी काफी उपयोगी है जो जंगलों में पाया जाता है. आदिवासी समुदाय इसे घर के आस-पास लगाते हैं, जिससे सांपों का घर में प्रवेश कम हो जाता है. यह पौधा न केवल सांपों को दूर रखता है बल्कि इसके अन्य औषधीय गुण भी हैं.
सर्पदंश के लिए पारंपरिक उपचार
ईश्वर मूल न केवल सांपों से बचाव के लिए उपयोगी है, बल्कि सर्पदंश के इलाज में भी इसका महत्व है. अगर किसी व्यक्ति को सांप काट लेता है तो आदिवासी लोग ईश्वर मूल के पत्तों का रस (Ishwar Mul plant juice for snakebite treatment) पीड़ित को पिलाते हैं. उनका मानना है कि यह रस विष को खत्म करने में सक्षम होता है जिससे व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.
मिट्टी के तेल का छिड़काव
मिट्टी के तेल (kerosene oil) का छिड़काव भी सांपों को दूर भगाने के लिए एक पारंपरिक उपाय है. आदिवासी समाज में यह माना जाता है कि मिट्टी के तेल की गंध सांपों को नापसंद होती है, और इससे वे घर के पास नहीं आते. यह उपाय भी गांवों और जंगलों के किनारे रहने वाले लोग अपनाते हैं.
पारंपरिक उपायों की वैज्ञानिक पुष्टि
आदिवासी समाज के इन पारंपरिक उपायों की वैज्ञानिक पुष्टि (scientific validation of traditional methods) भले ही नहीं हुई है, लेकिन सांपों से बचाव के लिए इन उपायों का उपयोग पीढ़ियों से होता आ रहा है. इन उपायों के उपयोग से सांपों से कितना बचाव होता है, यह कहना मुश्किल है, लेकिन आदिवासी समाज में इनकी मान्यता गहरी है.
सांपों से बचाव के अन्य उपाय
महुआ की खली जलाने के अलावा, आदिवासी समाज में मिट्टी के तेल का छिड़काव और घर के चारों ओर विशिष्ट पौधे लगाने जैसे उपाय सांपों से बचाव के लिए किए जाते हैं. इन उपायों से सांपों का घर में प्रवेश कम हो जाता है और लोग सुरक्षित महसूस करते हैं. सांपों से बचने के लिए इन उपायों का उपयोग जंगलों और गांवों में आम है.