मोदी सरकार ने जनगणना के लिए ₹11,718 करोड़ का भारी बजट मंजूर करके एक बड़ा फैसला लिया है! इस पहल का मकसद केवल डेटा इकट्ठा करना नहीं, बल्कि किसानों को सीधा फायदा पहुँचाना है। जानें जनगणना के आँकड़े कैसे कृषि नीतियों को प्रभावित करेंगे, और इस बजट से किसानों को क्या लाभ मिलने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि: पहला, जनगणना 2027 के लिए ₹11,718 करोड़ का बजट पास किया गया है। दूसरा, कोयला (ऊर्जा) क्षेत्र में एक बड़ा सुधार (रिफॉर्म) किया गया है। और तीसरा फैसला किसानों से संबंधित है।
2027 में होगी देश की पहली डिजिटल जनगणना
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2027 की जनगणना देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी। इस जनगणना का डिजिटल डिज़ाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया है और इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा: पहला चरण (हाउसिंग सेंसस) अप्रैल से सितंबर 2026 तक होगा, और दूसरा चरण (जनसंख्या गणना) फरवरी 2027 में होगा। पहली बार, डेटा कलेक्शन मोबाइल एप्लीकेशन के ज़रिए किया जाएगा, जो हिंदी, इंग्लिश और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगा।
व्यक्ति की जानकारी के लिए जाति बताना अनिवार्य नहीं
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि जनगणना (Census) के संबंध में जल्द ही एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, जिसमें जाति आदि की पूरी जानकारी होगी। उन्होंने बताया कि जनगणना के डेटा में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। किसी भी व्यक्ति के लिए जाति बताना अनिवार्य नहीं होगा; अगर कोई नहीं चाहे तो वह यह जानकारी नहीं दे सकता है। केवल सामूहिक डेटा (Aggregated Data) को ही पब्लिश किया जाएगा, जबकि व्यक्तिगत माइक्रो डेटा को प्रकाशित नहीं किया जाएगा।
‘कोल सेतु’ योजना से कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता
यूनियन कैबिनेट ने कोयले की नीलामी के लिए ‘कोल सेतु’ नामक एक नई व्यवस्था को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ‘कोल सेतु’ का उद्देश्य भारत को कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे विदेशों से कोयला आयात पर हमारी निर्भरता खत्म हो रही है। आयात कम होने से देश को ₹60,000 करोड़ की बचत हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 2024-25 में 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ है और घरेलू पावर प्लांट्स में रिकॉर्ड-तोड़ कोयला स्टॉक जमा हो चुका है।
खोपरा के लिए MSP को मिली मंजूरी (2026)
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने साल 2026 के लिए खोपरा (Copra) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंज़ूरी दे दी है। इसके तहत, पिसाई वाले खोपरा का MSP ₹12,027 प्रति क्विंटल और गोल खोपरा का MSP ₹12,500 प्रति क्विंटल तय किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि नैफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) इस योजना के लिए नोडल एजेंसियाँ होंगी।
