जाने उस हीरे के बारे में जिसकी कीमत 13 बुर्ज खलीफा के बराबर,कौन था उसका पहला मालिक,और कहा से निकला? कोहिनूर हीरे के बारे में आप लोगों ने सुना होगा आज अगर कोहिनूर हीरे की बात करें तो इसकी कीमत 13 बुर्ज खलीफा की कीमत के बराबर है क्योंकि आज की तुलना में कोहिनूर हीरा की वैल्यू 1.67 लाख करोड़ है. जबकि एक बुर्ज खलीफा की कीमत 12500 करोड़ है. इतिहासकारों के अनुसार तो कोहिनूर हीरा गोलकुंडा किले के पास कोल्लूर खदान से मिला हुआ था जो आंध्र प्रदेश में मौजूद है मुगल बादशाहों में सबसे पहले कोहिनूर हीरा शाहजहां को मिला था.
उसे समय गोलकुंडा का सुल्तान अब्दुल्ला कुतुब शाह हुआ करता था उसने ईरान से आए हुए मीर जुमला को अपनी रियासत का वजीर भी बनाया था और मीर जुमला ने कोहिनूर शाहजहां को बेटर ट्रॉफी के रूप में दिया था असल में तो मिल जुमला सुल्तान अब्दुल्ला की हुकूमत को खत्म करना चाहता था इसलिए उसी ने शाहजहां को यह कोहिनूर हीरा देकर उसका ध्यान गोलकुंडा की तरफ खींच लिया था बाद में शाहजहां ने कोहिनूर को मयूर सिंहासन में चढ़ावा दिया था जो कि उसके बाद मुगल राजा मोहम्मद शाह के पास भी पहुंचा।
वही 1739 की बात है जब ईरान का बादशाह नादिर शाह कोहिनूर हीरा लौटकर अपने देश ले गया था फिर अफगानिस्तान के राजा शुजाशाह ने इसे महाराजा रणजीत सिंह को वापस लौटा दिया था ऐसे में अंग्रेजों की नजर भी इस नायाब हीरे पर पढ़ चुकी थी और उन्होंने कोहिनूर को इंग्लैंड पहुंचा दिया था.