जीएसटी राहत – उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए जीएसटी परिषद ने कई आवश्यक वस्तुओं को कर से मुक्त कर दिया है। अब दूध, छेना और पनीर पर जीएसटी नहीं लगेगा। इसके साथ ही रोटी, पराठा और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं को भी कर से मुक्त कर दिया गया है। परिषद ने कुल 391 उत्पादों पर फैसला लिया है, जिनमें कई खाद्य पदार्थ, दवाइयाँ और जीवन से जुड़ी आवश्यक वस्तुएँ शामिल हैं। यह कदम महंगाई को नियंत्रित करने और आम लोगों को राहत देने के लिए उठाया गया है। नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
इन खाद्य पदार्थों पर बड़ी राहत
दूध (यूएचटी), छेना, पनीर (पूर्व-पैक और लेबल वाला) पर कोई कर नहीं लगेगा। रोटी, चपाती, पराठा और पिज्जा ब्रेड को भी जीएसटी से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। मक्खन, घी, बटर ऑयल, पनीर, कंडेंस्ड मिल्क, कोको पाउडर, चॉकलेट, मैदे से बने तैयार खाद्य उत्पाद, पास्ता, नूडल्स, केक, बिस्कुट, आइसक्रीम आदि पर कर 18% या 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
खजूर, अंजीर, आम, संतरा, नींबू जैसे सूखे मेवों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। बादाम, पिस्ता, हेज़लनट्स, पाइन नट्स आदि जैसे सूखे मेवों पर अब केवल 5% जीएसटी लगेगा। चीनी, गुड़ और चाशनी पर टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। मिठाई, नमकीन, जैम, जेली, अचार, सॉस, आइसक्रीम जैसी चीज़ों पर अब केवल 5% जीएसटी लगेगा। खाद्य पदार्थों पर 5% से 0% जीएसटी: यूएचटी दूध, छेना और पनीर, सभी भारतीय ब्रेड, रोटी, पराठा, चपाती पर कोई टैक्स नहीं। 12-18 प्रतिशत के दायरे में आने वाले खाद्य पदार्थों में सॉस, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, घी, मक्खन, इंस्टेंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी और संरक्षित मांस शामिल हैं।
सॉसेज, मांस उत्पाद, मछली के अंडे, समुद्री भोजन पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। तेंदू पत्ता, कत्था और अन्य हर्बल उत्पादों पर कर 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। माल्ट, स्टार्च, वनस्पति गाढ़ापन और ग्लिसरॉल पर भी जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है। पशु वसा, मछली का तेल, घी जैसे पशु तेलों पर अब केवल 5% कर लगेगा।
त्योहारी सीजन से पहले उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
जीएसटी परिषद के फैसले के बाद दूध, पनीर, रोटी, पराठा, मक्खन, घी, सूखे मेवे और मिठाई जैसी रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएंगी। जीएसटी दरों में यह बदलाव त्योहारी सीजन से पहले उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देगा। वहीं, सरकार का कहना है कि यह फैसला महंगाई कम करने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए लिया गया है।
