महंगाई से राहत: जल्द ही आपकी जेब को बड़ी राहत मिलने वाली है। जीएसटी काउंसिल कई चीजों को टैक्स के दायरे से बाहर करने की तैयारी कर रही है। खबरों के मुताबिक, जीरो टैक्स स्लैब का दायरा और भी बढ़ाया जा रहा है। यानी आने वाले समय में ऐसी और भी चीजें होंगी जिन पर किसी भी तरह का कोई जीएसटी नहीं लगेगा। आम आदमी को महंगाई से राहत देने और रोजमर्रा की जरूरी चीजों को सस्ता करने के मकसद से यह कदम उठाया जा रहा है। खासकर, खाने-पीने की चीजें, दवाइयां और घरेलू जरूरी चीजों को इस दायरे में शामिल किए जाने की संभावना है।
हर दिन, चीज़ें सस्ती होती जाएँगी

बिज़नेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी परिषद शून्य कर स्लैब का दायरा बढ़ा सकती है और कई ज़रूरी उत्पादों पर लगने वाले 5% और 18% जीएसटी को शून्य कर सकती है। अगर ऐसा होता है, तो आने वाले समय में यूएचटी दूध, प्री-पैकेज्ड पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती और रोटी जैसी रोज़मर्रा की खाने-पीने की चीज़ों पर जीएसटी नहीं लगेगा। इसी तरह, पराठा और परोटा (जिन पर पहले 18% टैक्स लगता था) को भी शून्य दर के दायरे में लाने का प्रस्ताव है। यह आम आदमी के लिए बड़ी खबर है।
शिक्षा से संबंधित वस्तुएं भी कर-मुक्त
सिर्फ़ खाने-पीने की चीज़ें ही नहीं, बल्कि शिक्षा से जुड़ी चीज़ों पर भी टैक्स लगने की संभावना है। जीएसटी परिषद नक्शे, एटलस, ग्लोब, पेंसिल शार्पनर, सभी तरह की पेंसिल, अभ्यास पुस्तिकाएँ, ग्राफ़ बुक और प्रयोगशाला नोटबुक को 12% कर के दायरे से बाहर करके उन्हें शून्य कर सकती है। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम अप्रत्यक्ष कर ढाँचे को तर्कसंगत बनाने और कर स्लैब की संख्या कम करने के लिए उठाया जा रहा है। इस फ़ैसले से छात्रों और परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, साथ ही व्यवस्था सरल और पारदर्शी भी होगी।
संभावित ‘शून्य जीएसटी स्लैब’ की सूची

रोजमर्रा के खाद्य पदार्थ: यूएचटी दूध, प्री-पैक्ड पनीर (छेना), पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती, रोटी आदि पर जीएसटी लागू नहीं होगा।
अन्य खाद्य उत्पाद: मक्खन, गाढ़ा दूध, जैम, मशरूम, खजूर, सूखे मेवे, नमकीन आदि – इन पर वर्तमान में 12% जीएसटी लगता है, लेकिन फ़िल्टरिंग समिति ने सुझाव दिया है कि इन्हें 5% के बजाय शून्य स्लैब में रखा जाना चाहिए।
यह कदम सरकार द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और आम लोगों को सीधी आर्थिक राहत पहुँचाने का एक बेहतरीन तरीका है। अगर इन फैसलों पर अमल होता है, तो इससे हर घर का बजट बेहतर होगा।
