ट्रांसफार्मर लोड की कैलकुलेशन को आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए, यह किसी ट्रांसफार्मर पर लगे लोड की मात्रा का निर्धारण करता है।
ट्रांसफार्मर एक ऐसा विद्युत उपकरण है जिसका प्रयोग दो या दो से अधिक विद्युत सर्किटों के बीच ऊर्जा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है, इसका प्रयोग कर के अधिक वोल्टेज या धारा को कम या कम वोल्टेज या धारा को अधिक किया जाता है। सामान्यतः ट्रांसफार्मर का उपयोग बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण, लाइटिंग, ऑडियो सिस्टम एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सहित अनेक अनुप्रयोगों एवं उनकी उपयोगिताओं, इलेक्ट्रिकल सर्किट में ऊर्जा को सुरक्षित रूप से प्रदान करने के लिए किया जाता है। अलग-अलग क्षेत्रों (अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी भवनों आदि में इनकी अलग-अलग आवश्यकताएं होती हैं।
ट्रांसफार्मर लोड की कैलकुलेशन (Transformer Load Calculation) का अर्थ होता है किसी ट्रांसफार्मर पर लगे लोड की मात्रा का निर्धारण करना। यह आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए, क्योंकि अधिक लोड या अधिक पावर का उपयोग कर के ट्रांसफार्मर की उपयोगिता एवं उसकी लाइफ-साइकिल प्रभावित होती है। ट्रांसफार्मर के द्वारा उत्पादन स्रोत से आवश्यक ऊर्जा प्राप्त की जाती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको ट्रांसफार्मर लोड कैलकुलेशन फॉर्मूला की जानकारी प्रदान करेंगे। जिस से ट्रांसफार्मर लोड गणना को समझना आसान हो जाता है।
ट्रांसफार्मर लोड क्या है?
ट्रांसफार्मर लोड (Transformer Load) के माध्यम से इलेक्ट्रिकल सर्किट की सक्रिय (Active) पावर का मापन करता है, जो ट्रांसफार्मर को लोड किया जाता है, और यह लोड के आधार पर उपयुक्त ट्रांसफार्मर का चयन करने में नागरिक को सहायता प्रदान करने का कार्य करता है। ट्रांसफार्मर लोड की गणना उसके आकार एवं क्षमता पर निर्भर करती है। यदि आकार सही नहीं होगा तो वह अधिक लोड के कारण खराब हो सकता है, और इलेक्ट्रिक सर्किट को नुकसान पहुंचा सकता है।
ट्रांसफार्मर लोड को दो प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है, ट्रांसफार्मर लोड बिजली की वह मात्रा है जो ट्रांसफार्मर के द्वारा चलाई जाती है। ट्रांसफार्मर लोड एक नियामक (Regulator) की तरह कार्य करता है जिससे आउटपुट को बदला जाता है। ऐसे संशोधन करने वाले उपकरणों द्वारा प्राप्त की जाने वाली शक्ति (Power) या प्राप्त उपकरण में बदली हुई वोल्टेज प्रवाह के रूप में हो सकते हैं। ऐसे में प्रसारित की जाने वाली धारा की गणना की जाती है। ट्रांसफार्मर लोड गणना करते समय फुल लोड कपैसिटी एवं सुरक्षित लोड कपैसिटी का ध्यान रखा जाता है। ऐसे में निम्न प्रक्रियाएं होती है:-
- सुरक्षित लोड कपैसिटी धारा (Current) की वह अधिकतम मात्रा का 75-80% है जिसे ट्रांसफार्मर द्वारा संचारित किया जाता है, और इस लोड को ट्रांसफार्मर से जोड़ा जाता है। 1
- फुल लोड कपैसिटी धारा की वह अधिकतम मात्रा है जिसे ट्रांसफार्मर के माध्यम से प्रसारित (Transmitted) किया जाता है।
ट्रांसफार्मर लोड की गणना करने के लिए ट्रांसफार्मर की प्राइमरी वोल्टेज एवं सेकन्डेरी वोल्टेज दोनों की आवश्यकता होती है, एवं उनके मध्यम स्थापित गणितीय संबंध को एम्पियर के साथ गुना कर दिया जाता है। ऐसा करने पर ट्रांसफार्मर की लोड कपैसिटी को प्राप्त किया जा सकता है। लोड कपैसिटी के सटीक जानकारी प्राप्त होने पर सही ट्रांसफार्मर का चयन किया जा सकता है, जिस से उसके कार्य करने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है।
ट्रांसफार्मर लोड कैलकुलेशन में पावर रेटिंग क्या हैं?
ट्रांसफार्मर लोड की गणना में पावर रेटिंग, ऊर्जा की वह मात्रा होती है जिसे ट्रांसफार्मर अपेक्षित लोड में संभाल सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसफार्मर को सुरक्षा प्रदान करना होता है। इस रेटिंग के माध्यम से उच्च या निम्न लोड होने पर ट्रांसफार्मर की कार्य प्रदर्शन क्षमता एवं लाइफ-साइकिल को बढ़ाया जा सकता है। ट्रांसफार्मर में पावर रेटिंग लोड के प्रकार, साइज़, उसकी प्रकृति, निर्धारित मानकों एवं उपयोग करने की क्षमता पर निर्भर करती है। लोड की गणना प्रयोग किए जाने वाले उपकरण के इलेक्ट्रिक लोड के आउटपुट वोल्टेज एवं करंट पर आधारित होती है।
ट्रांसफार्मर लोड कैलकुलेशन करने पर रिजल्ट में प्राप्त होने वाली ट्रांसफार्मर की शक्ति (Power) को किलोवोल्ट एम्पियर में प्राप्त किया जाता है। उदाहरण के लिए 1 किलोवोल्ट एम्पियर (kVA) में 100 वॉल्ट (वोल्टेज) एवं 10 एम्पियर की धारा को नियंत्रित किया जा सकता है। ट्रांसफार्मर लोड कैलकुलेशन में उपकरण की kVA में स्पष्ट शक्ति (Apparent Power) या किलोवाट में शक्ति को उपकरण की इनपुट की जरूरतों के आधार पर किया जाता है। ओम के नियम के सूत्र V = IR (सूत्र में V वोल्टेज को प्रदर्शित करता है, I धारा को प्रदर्शित करता है एवं R प्रतिरोध को प्रदर्शित करता है), ट्रांसफार्मर लोड कैलकुलेशन में:-
- उपकरण में V वोल्टेज को दर्शाता है, जिसका उल्लेख उपकरण पर भी किया गया होता है।
- धारा (Current) को I द्वारा दर्शाया जाता है, A धारा के मात्रक एम्पियर को दर्शाने का कार्य करता है। उपकरण पर यह जानकारी पहले से भी दी गई होती है।
- यदि धारा या वोल्टेज रेटिंग न दी गई हो तो ऐसे में प्रतिरोध दिया गया होता है, जिसे R द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। एवं इसका प्रयोग गणना में किया जा सकता है।
ट्रांसफार्मर लोड कैलकुलेशन फॉर्मूला
ट्रांसफार्मर लोड गणना सूत्र इस प्रकार रहता है:-
P = VI/1000
उपर्युक्त सूत्र में प्राप्त होने वाली पावर (P) kVA में होती है, जिसे 0.8 से विभाजित कर दिया जाता है। यदि कैलकुलेशन करने पर रिजल्ट दशमलव में प्राप्त होता है, तो ट्रांसफार्मर की पावर से संबंधित पावर रेटिंग की गणना के लिए पूर्ण अंक कर दिया जाता है। जिसमें उपकरण को ऑन करने पर आवश्यक होने वाली अतिरक्त करंट को जोड़ा जाता है।
एकल-फेज एवं तीन-फेज ट्रांसफार्मर (Single-phase and three-phase transformers)
ऊपर बताई गई गणना सिंगल फेज ट्रांसफार्मर के लिए प्रयोग की जाती है। लेकिन यदि ट्रांसफार्मर में 120 डिग्री के फेज अंतर के साथ पावर है तो यह थ्री फेज ट्रांसफार्मर होता है। जिसके लिए ट्रांसफार्मर लोड गणना सूत्र निम्नलिखित प्रकार से होता है:
P = VI√3/1000
इस सूत्र में √3 के साथ या 1.732 के साथ गुना करने के अतिरिक्त उपकरण के लिए आवश्यक होने वाली स्टार्ट-अप करंट के विभाजन के सभी फेज समान रहते हैं। ट्रांसफार्मर का प्रयोग अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग साइज़ के अनुसार होता है। यदि व्यावसायिक या वाणिज्यिक क्षेत्रों में प्रयोग होने वाले ट्रांसफार्मर लगभग 75 kVA, 100 kVA, 150 kVA, 750 kVA आदि क्षमता के होते हैं। ट्रांसफार्मर सामान्यतः 3 kVA से 1000 kVA तक की क्षमता में उपलब्ध रहते हैं।
ट्रांसफार्मर लोड कैलकुलेशन के अनुप्रयोग
ट्रांसफार्मर लोड की कैलकुलेशन से वर्तमान पावर रेटिंग प्राप्त की जा सकती है। ट्रांसफार्मर लोड गणना के अनुप्रयोग (Applications) को इस प्रकार समझा जा सकता है, यदि स्पष्ट शक्ति (Apparent Power) को सप्लाई की जाने वाली वोल्टेज से विभाजित किया जाए और 1000 से गुणा किया जाए। अंतिम फेज में उपकरण के स्टार्ट-अप पर अतिरिक्त करंट को ध्यान में रखते हुए 25 से गुणा किया जाता है। उपकरण की वोल्टेज की आवश्यकताओं की जानकारी ट्रांसफार्मर लोड कैलकुलेशन से भी प्राप्त की जा सकती है है। इसमें सूत्र इस प्रकार होता है:-
Apparent Power (kVA) × 1000 ÷ Current Rating
इस सूत्र के माध्यम से ट्रांसफार्मर लोड कैलकुलेशन करके उपकरण में प्रवाहित होने वाले सुरक्षित वोल्टेज की मात्रा को प्राप्त किया जा सकता है।
ट्रांसफार्मर को खरीदने से पहले जानें
यदि आप ट्रांसफार्मर के लोड की गणना करना जान गए हैं एवं अपने घर या व्यावसायिक क्षेत्र के लिए ट्रांसफार्मर का प्रयोग करना चाहते हैं, तो निम्न कारकों पर भी ट्रांसफार्मर निर्भर करता है:-
- वोल्टेज अनुपात (Voltage ratio)
- वोल्टेज नल (Voltage taps)
- कनेक्शन की विधि
- प्रतिबाधा मान (Impedance values)
- लोड की हार्मोनिक सामग्री (Harmonic content of load)
- इन्सुलेशन तापमान (Insulation temperatures)
- Transformer failure predictability
- समानांतर ट्रांसफार्मर (Paralleling transformers)
- ध्वनि स्तर (Sound levels)
- इन्सुलेशन कक्षाएं (Insulation classes)
ट्रांसफार्मर लोड गणना फॉर्मूला से संबंधित प्रश्न एवं उत्तर
ट्रांसफार्मर लोड की कैलकुलेशन में 0.8 क्या होता है?
ट्रांसफार्मर लोड की गणना में 0.8 से विभाजित/भाग किया जाता है या 1.25 से गुणा किया जाता है, उपकरण को ऑन करने पर आवश्यक अतिरिक्त करंट को इसमें शामिल किया जाता है।
क्या ट्रांसफार्मर लोड गणना में सिंगल फेज ट्रांसफार्मर एवं थ्री फेज ट्रांसफार्मर दोनों के लिए समान सूत्र का प्रयोग किया जाता है?
ट्रांसफार्मर लोड की गणना करने में प्रत्येक प्रकार के ट्रांसफार्मर के लिए एक अलग सूत्र का प्रयोग होता है,
सिंगल फेज ट्रांसफार्मर में लोड गणना का सूत्र P = VI/1000 होता है। और थ्री फेज ट्रांसफार्मर के ट्रांसफार्मर लोड गणना का सूत्र P = VI√3/1000 होता है।
क्या फुल लोड क्षमता, अंतिम ट्रांसफार्मर लोड मान होती है?
ट्रांसफार्मर लोड की कैलकुलेशन में वर्तमान लोड की सुरक्षित मात्रा का प्रयोग किया जाता है, यह वर्तमान लोड ट्रांसफार्मर की पूर्ण वर्तमान क्षमता का 75 से 80% तक होता है।
इस प्रकार उपरोक्त लेख के माध्यम से आप ट्रांसफार्मर लोड कैलकुलेशन की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जिसके बाद आप सोर्स से बिजली के प्रसारण (Transmission) एवं प्रावधान (Provision) से आवश्यक वोल्टेज को ट्रांसफार्मर से प्राप्त कर सकते हैं। लोड की गणना को आप आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। यह जानकारी होने पर आप सिंगल फेज एवं थ्री फेज ट्रांसफार्मर को अपनी आवश्यकता के अनुसार प्रयोग कर सकते हैं।