Liquor in train यात्रा के दौरान ट्रेन में कुछ सामान ले जाना सामान्य है लेकिन क्या शराब भी इसमें शामिल हो सकती है? दरअसल ट्रेन में शराब ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. शराब एक ज्वलनशील पदार्थ है और इसके कारण ट्रेन में आग लगने पर बड़ी दुर्घटना हो सकती है. इसके अलावा शराब पीने से यात्रियों का व्यवहार प्रभावित हो सकता है जिससे अन्य यात्रियों को परेशानी हो सकती है और ट्रेन की व्यवस्था में खलल पड़ सकता है.
रेलवे के नए नियम
रेलवे के नियमों के अनुसार ट्रेन में शराब ले जाना न केवल प्रतिबंधित है बल्कि इसे ले जाना एक अपराध भी माना जाता है (illegal to carry alcohol in train). चाहे शराब सीलबंद हो या खुली इसे ट्रेन में ले जाना कानूनी रूप से दंडनीय है. अगर कोई यात्री इसे ले जाते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर रेलवे अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
सजा और जुर्माना
अगर किसी यात्री को ट्रेन में शराब ले जाते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर 500 रुपये तक का जुर्माना (fine for carrying alcohol) लगाया जा सकता है. कुछ मामलों में यह दंड और भी गंभीर हो सकता है, जिसमें 6 महीने तक की जेल या यात्री का टिकट रद्द करना शामिल है. ये उपाय शराब के कारण हो सकने वाली अनुशासनहीनता और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किए जाते हैं.
अन्य प्रतिबंधित सामान
शराब के अलावा ट्रेन में कई अन्य वस्तुएं भी ले जाने की मनाही है जैसे स्टोव, गैस सिलेंडर, ज्वलनशील रसायन, पटाखे, तेजाब, बदबूदार वस्तुएं, चमड़ा या गीली खाल, और ग्रीस (prohibited items in trains). इन वस्तुओं को ट्रेन में ले जाना सुरक्षा जोखिम पैदा करता है और इसलिए इनका परिवहन प्रतिबंधित है.