ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के साथ साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट और आधार स्कैम जैसे धोखाधड़ी के नए तरीके सामने आए हैं। सतर्कता और जागरूकता से ही इन खतरों से बचा जा सकता है। अपनी सुरक्षा के लिए आधार बायोमीट्रिक लॉक और फर्जी कॉल्स से बचाव जरूरी है।
डिजिटल अरेस्ट: इस बार दिवाली पर ऑनलाइन शॉपिंग ने नए रिकॉर्ड बनाए। लोग बड़ी संख्या में घर बैठे शॉपिंग का आनंद लेते दिखे। लेकिन, जहां एक ओर यह डिजिटल सुविधा हमारे जीवन को आसान बना रही है, वहीं साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) के मामलों में भी इजाफा हुआ है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में साइबर फ्रॉड के 11 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
इनमें ज्यादातर पीड़ित बुजुर्ग हैं, जो ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हुए। ऐसे में हर व्यक्ति को साइबर फ्रॉड के तरीकों और उनसे बचने के उपायों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है।
कैसे होता है यह स्कैम?
हाल के वर्षों में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) फ्रॉड ने लोगों को गुमराह करने में एक नया तरीका अपनाया है। इस फ्रॉड में ठग खुद को पुलिस, ईडी, या कस्टम ऑफिसर बताकर व्यक्ति को फोन करते हैं। वे यह दावा करते हैं कि उसकी आईडी का इस्तेमाल किसी अपराध में हुआ है।
इसके बाद वे व्यक्ति को डराने-धमकाने की रणनीति अपनाते हैं। घबराए हुए लोग, अपनी “समस्या” से बचने के लिए पैसे देने को तैयार हो जाते हैं। यही नहीं, इन ठगों की रणनीति बेहद संगठित होती है, जिससे पीड़ित को लंबे समय तक यह अहसास भी नहीं होता कि वह धोखाधड़ी का शिकार हुआ है।
आपका बायोमीट्रिक डेटा कैसे बनता है निशाना?
आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AePS) स्कैम भी इन दिनों काफी चर्चा में है। इस स्कैम में ठग पीड़ित के आधार बायोमीट्रिक डेटा का गलत इस्तेमाल करके उसके बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं।
यह फ्रॉड काफी खतरनाक है क्योंकि पीड़ित को अक्सर इस धोखाधड़ी का पता तब चलता है जब वह अपना बैंक बैलेंस चेक करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए आधार बायोमीट्रिक को लॉक करना आवश्यक है।
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सावधानियां
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है:
- सबसे पहले UIDAI की वेबसाइट पर जाकर आधार बायोमीट्रिक को लॉक या अनलॉक किया जा सकता है। इससे बिना अनुमति के आपके आधार का गलत इस्तेमाल नहीं होगा।
- फ्रॉड करने वाले अक्सर खुद को बिजली विभाग का कर्मचारी या कस्टम अधिकारी बताकर फोन करते हैं और किसी विशेष ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहते हैं। ऐसा करने से बचें।
- क्यूआर कोड स्कैन केवल पेमेंट करने के लिए किया जाता है। अगर आपको कोई क्यूआर कोड स्कैन करके पैसे भेजने को कहे, तो यह धोखाधड़ी हो सकती है।
- अगर कोई व्यक्ति आपको पुलिस, कस्टम विभाग, या किसी अन्य सरकारी संस्था का अधिकारी बताकर फोन करता है और पैसों की मांग करता है, तो उसकी बातों पर विश्वास न करें। ऐसे मामलों में कॉल को तुरंत डिस्कनेक्ट करें।