Driving License Making Process: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए हैं जिससे लोगों को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक सेवाएँ मिल सकेंगी. अब पूरी प्रक्रिया को फेसलेस और कंप्यूटरीकृत कर दिया गया है जिससे लर्निंग लाइसेंस के लिए देश के किसी भी हिस्से से आवेदन किया जा सकता है.
नई प्रणाली में सुधार और इसके लाभ
एआरटीओ बस्ती, पंकज सिंह के अनुसार, परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब परीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत कर दिया गया है. इससे पहले जहाँ मैन्युअल टेस्ट होते थे, वहीं अब एक डिजिटली ऑटोमेटेड ट्रैक पर सभी परीक्षण होंगे जिसमें 19 कैमरे और सेंसर लगे होंगे .
टेस्टिंग ट्रैक और उसकी खासियत
ड्राइविंग टेस्ट के लिए नया ट्रैक मारुति कंपनी द्वारा ऑटोमेटेड किया गया है. इस ट्रैक पर आवेदक को कुल 10 स्टेप्स में परीक्षा पास करनी होती है. इस ट्रैक पर आवेदक की गतिविधियाँ सेंसर द्वारा निगरानी की जाती हैं, और यदि वाहन ट्रैक की सीमा को लांघता है तो आवेदक फेल हो जाता है
नई प्रणाली का भविष्य और उम्मीदें
इस नई प्रणाली के पूर्ण रूप से लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग को उम्मीद है कि यह न केवल परीक्षण प्रक्रिया को सरल बनाएगा बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और विलंब को भी कम करेगा. इस प्रकार यह परिवहन विभाग की कार्यकुशलता को बढ़ावा देगा और आवेदकों को अधिक संतोषजनक सेवाएं मिलेगी .