‘द साबरमती रिपोर्ट’ विक्रांत मैसी की दमदार एक्टिंग और गोधरा कांड की सच्ची कहानी पर आधारित एक भावनात्मक फिल्म है। धीरज सरना के निर्देशन में बनी यह फिल्म आपको इतिहास की एक दर्दनाक घटना से रूबरू कराती है। शानदार VFX और संवेदनशील कहानी इसे देखने लायक बनाते हैं।
लीवुड एक्टर विक्रांत मैसी की नई फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई है। विक्रांत, जो अपनी दमदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं, लंबे समय बाद बड़े पर्दे पर लौटे हैं, और उनके फैंस इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। धीरज सरना के निर्देशन में बनी यह फिल्म 2002 के गुजरात में हुए गोधरा कांड पर आधारित है, जो भारतीय इतिहास की एक बेहद दर्दनाक और विवादित घटना है।
फिल्म की घोषणा के बाद से ही इसे लेकर दर्शकों के बीच उत्सुकता थी। अब जब यह रिलीज हो चुकी है, तो सोशल मीडिया पर इसे लेकर पॉजिटिव रिव्यू आने लगे हैं। दर्शक फिल्म की कहानी, विक्रांत की एक्टिंग और निर्देशन की तारीफ कर रहे हैं। यह फिल्म न सिर्फ एक घटना को पर्दे पर दिखाने की कोशिश है, बल्कि उस समय के दर्द और संघर्ष को समझने का एक जरिया भी है।
1. विक्रांत मैसी की दमदार एक्टिंग
विक्रांत मैसी ने कम समय में अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। उनकी पिछली फिल्में इस बात की गवाह हैं कि वह कभी अपनी परफॉर्मेंस के साथ समझौता नहीं करते। ‘सेक्टर 36’ में निगेटिव किरदार निभाने के बाद विक्रांत ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ में अपने इमोशन्स और हाव-भाव से दर्शकों का दिल जीत लिया है। उनकी बारीकी से की गई अदाकारी इस फिल्म का मुख्य आकर्षण है।
2. गोधरा कांड की अनसुनी कहानी
फिल्म की कहानी 2002 में हुए गोधरा कांड के इर्द-गिर्द घूमती है, जब साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी। इस हादसे ने इतिहास के पन्नों में अपना दर्दनाक अध्याय दर्ज कर दिया। बहुत से लोग इस घटना के पीछे की कहानी नहीं जानते। यह फिल्म उस हादसे के कारण हुए दर्द और संघर्ष को समझने का मौका देती है।
3. एकता कपूर का नई दिशा में कदम
एकता कपूर, जो आमतौर पर अपने डेली सोप और लव-स्टोरी कंटेंट के लिए जानी जाती हैं, ने इस बार एक गंभीर और प्रभावी विषय को पर्दे पर उतारा है। अगर आप एकता के पारंपरिक शोज़ से हटकर उनके इस प्रयास को देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए परफेक्ट चॉइस है।
4. शानदार VFX तकनीक का उपयोग
फिल्म में VFX तकनीक का उपयोग अत्यंत प्रभावी ढंग से किया गया है। खासतौर पर ट्रेन में आग लगने वाले दृश्य को बेहतरीन तरीके से फिल्माया गया है। हालांकि कुछ जगहों पर सिनेमेटोग्राफी कमजोर लगती है, लेकिन यह कहानी की गहराई और इमोशन पर ज्यादा असर नहीं डालती।
5. धीरज सरना का उम्दा निर्देशन
सच्ची घटनाओं को फिल्मी पर्दे पर उतारना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। हर तथ्य को सही तरीके से पेश करना और संवेदनशीलता बनाए रखना बेहद जरूरी है। धीरज सरना ने अपने निर्देशन से इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। करीब दो घंटे की इस फिल्म में उन्होंने हर पहलू को बेहद सटीकता के साथ पेश किया है।
दर्शकों की प्रतिक्रिया
फिल्म को रिलीज के बाद से ही सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। लोग विक्रांत की परफॉर्मेंस और फिल्म की कहानी की सराहना कर रहे हैं। गोधरा कांड जैसे संवेदनशील विषय को ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ पेश करने के लिए फिल्म को सराहा जा रहा है।