Nitin Gadkari द्वारा हाल ही में की गई घोषणा ने देशभर के यात्रियों और वाहन चालकों को राहत की उम्मीद दी है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने बताया कि सरकार एक नई टोल वसूली प्रणाली लागू करने जा रही है, जो आने वाले 8 से 10 दिनों में प्रभाव में लाई जाएगी। इस नई प्रणाली से न सिर्फ टोल टैक्स में कमी आएगी, बल्कि इससे ट्रैफिक जाम की समस्या भी काफी हद तक खत्म हो सकती है।
GNSS तकनीक से कटेगा टोल, टोल प्लाजा की जरूरत होगी खत्म
गडकरी ने जानकारी दी कि नया सिस्टम सैटेलाइट आधारित GNSS (Global Navigation Satellite System) तकनीक पर आधारित होगा। इस सिस्टम के तहत गाड़ियों में एक खास ट्रैकिंग डिवाइस लगाया जाएगा, जो यह मॉनिटर करेगा कि वाहन ने कितनी दूरी तय की है। इसी के आधार पर टोल टैक्स वसूला जाएगा, यानी “जितना सफर, उतना भुगतान।” यह नई व्यवस्था मौजूदा FASTag प्रणाली की जगह लेगी और धीरे-धीरे देश के टोल प्लाजा हटाए जा सकते हैं।
लोकल यात्रियों को हर दिन पहले 20 किमी मिलेगा टोल फ्री सफर
GNSS सिस्टम का एक और बड़ा फायदा यह है कि जो लोग रोजाना कम दूरी का सफर करते हैं, जैसे ऑफिस या लोकल मार्केट तक, उन्हें हर दिन 20 किलोमीटर तक का सफर टोल फ्री मिलेगा। इससे ग्रामीण और कस्बाई इलाकों के यात्रियों की जेब पर पड़ने वाला असर काफी हद तक कम होगा।
इस प्रणाली को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO की तकनीकी मदद से तैयार किया गया है, और इसकी निगरानी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा की जाएगी।
टोल कलेक्शन में भारी उछाल, अब होगा स्मार्ट ट्रैकिंग से सुधार
पिछले कुछ वर्षों में भारत में टोल संग्रहण में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2019-20 में जहां टोल संग्रह ₹27,503 करोड़ था, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर ₹64,809.86 करोड़ पहुंच गया है। यह 35% की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है। सरकार अब इस प्रक्रिया को और पारदर्शी, तकनीकी और यात्री-अनुकूल बनाना चाहती है।
गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि नई प्रणाली सरकार की इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट और ईको फ्रेंडली पॉलिसी के तहत लाई जा रही है, जिससे सड़कें बेहतर होंगी और पर्यावरण पर असर भी घटेगा।
ग्रीन इकोनॉमी के लिए सरकार की नई रणनीति
सिर्फ टोल सिस्टम ही नहीं, गडकरी ने भारत को ग्रीन इकोनॉमी (Green Economy) की तरफ ले जाने की भी बड़ी योजना सामने रखी है। उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि हाइब्रिड गाड़ियों पर जीएसटी 5% और फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाली गाड़ियों पर 12% किया जाए। इससे भारत में मौजूदा 36 करोड़ पेट्रोल और डीजल गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया जा सकेगा। यह प्रस्ताव फिलहाल वित्त मंत्रालय के पास विचाराधीन है।
यात्रियों के लिए कितना फायदेमंद होगा यह बदलाव?
सरकार का दावा है कि नई तकनीक के आने से देश की जनता को टोल टैक्स से राहत तो मिलेगी ही, साथ ही ट्रैफिक में लगने वाला समय भी बचेगा। टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारें खत्म होंगी और गाड़ियों की आवाजाही पहले से कहीं ज्यादा स्मूद हो सकेगी। इससे ईंधन की खपत कम होगी और कार्बन उत्सर्जन में भी गिरावट आएगी।
गडकरी ने कहा कि अभी वह ज्यादा डिटेल्स साझा नहीं कर सकते, लेकिन आने वाले 8-10 दिनों में यह नीति औपचारिक रूप से लागू कर दी जाएगी। इससे देश की सड़क परिवहन प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है।