नुकसान नहीं उठाना तो बरसात में पशुओं को बीमार होने से ऐसे बचाएं पशुपालक, बीमारियां पशुओं को छू भी नहीं पाएगी। चलिए जानते हैं बरसात के महीने में पशुओं का ख्याल कैसे रखें।
बरसात में पशु होते है बीमार ?
अगर आप एक पशुपालक है और आपको अपने पशुओं की चिंता है तो आपके लिए यह बहुत जरूरी लेख है। पशुपालक महंगे-महंगे पशुओं का पालन करते हैं खाने-पीने में उनके खर्च करते हैं। लेकिन एक बीमारी एक झटके में सब कुछ समाप्त कर देती है। आपको बता दे की बरसात में भले गर्मी से राहत मिलती है, लेकिन कई तरह की बीमारियां भी फैलती है। इंसानों में भी कई तरीके के वायरस इस समय फैल जाते हैं। इसी तरह की बीमारियां पशुओं को भी पकड़ लेती है।
लेकिन अगर आप छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखें तो पशुओं को बरसात में बीमार होने से बचा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं बारिश के समय पशुओं का किस तरीके से देखभाल करें, कौन-सा टीका लगाए और खाने में कैसे उनका ध्यान रखें, यह सारी चीज जानेंगे।
पशुओं को बीमार होने से ऐसे बचाएं पशुपालक
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए बरसात के महीने में पशुओं को कैसे रखें।
- सबसे पहले तो बरसात में आपको यह ध्यान रखना है कि पशु ज्यादा देर तक भीगा न रहे। उन्हें पानी में भीगने नहीं देना है। अगर भीगते हैं तो अच्छे से उन्हें साफ करें।
- बरसात में खाने-पीने का भी ध्यान रखना है। पशुओं को सूखा चारा दे। हरे चारे की मात्रा को कम कर दे। बरसात के समय पशुओं के लिए सूखा चारा बेहतर होता है। पेट खराब नहीं होता है।
- अगर हरे चारे में पोषक तत्वों की कमी है तो आप मिनरल्स भी उन्हें खाने में दे सकते हैं। इससे पोषक तत्वों की कमी नहीं रहेगी और पशु तंदुरुस्त रहेगा।
- बरसात में साफ-सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर उनके पैरों के खुर में मिट्टी घुस रही है, चिपक रही है तो आप उसे साफ कर दीजिए। पंजों में मिट्टी लगने के कारण कई तरह की बीमारियों का संक्रमण फैलता है।
- बरसात के समय पेट में कीड़े होने की समस्या आती है तो उसके लिए आप कृमि नाशक दवा खिला सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि पशुपालकों को हर तीन महीने में बरसात के मौसम में पशुओं को कृमि नाशक दवा देना चाहिए और अगर दुधारू पशु है आपके पास तो खुराहा का टीकाकरण लगवाना चाहिए। जिससे पशु बीमार ही ना पड़े।