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पंजाब के नागरिकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। लंबे समय से रुकी हुई लुधियाना-बठिंडा हाईवे (Greenfield Highway) परियोजना पर एक बार फिर से निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह हाईवे पंजाब के तीन जिलों के 36 गांवों से होकर गुजरेगा, जिससे स्थानीय लोगों को आवागमन में बड़ी राहत मिलेगी। पंजाब सरकार के लिए भी यह एक राहत भरी खबर है, क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पहले भूमि की अनुपलब्धता के कारण इस और कई अन्य परियोजनाओं को स्थगित कर दिया था।
लुधियाना-बठिंडा हाईवे परियोजना के रुकने का कारण
इस हाईवे परियोजना का काम पिछले वर्ष भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) की समस्याओं के कारण ठप हो गया था। परियोजना में लगातार देरी हो रही थी, जिससे स्थानीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया और पंजाब सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि लंबित हाईवे परियोजनाओं को जल्द शुरू नहीं किया गया, तो इनके फंड और संसाधन अन्य राज्यों को आवंटित कर दिए जाएंगे।
इस चेतावनी के बाद पंजाब सरकार सक्रिय हुई और मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर तत्कालीन मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने किसानों के साथ वार्ता की। इस बातचीत के बाद प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाई, जिससे परियोजना को दोबारा शुरू किया जा सका।
हाईवे परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
- लंबाई: यह हाईवे 75.54 किलोमीटर लंबा होगा और इसे 6-लेन में विकसित किया जा रहा है।
- संयुक्त जिलों का दायरा: यह लुधियाना, बरनाला और बठिंडा जिलों से होकर गुजरेगा।
- 36 गांवों से कनेक्टिविटी: हाईवे के बन जाने से इन गांवों को बेहतर सड़क सुविधा मिलेगी।
- महत्वपूर्ण तहसीलें: लुधियाना की रायकोट तहसील, बरनाला की तपा तहसील और बठिंडा की रामपुरा फूल तहसील इस परियोजना से सीधे लाभान्वित होंगी।
- अन्य प्रमुख परियोजनाओं से जुड़ाव: यह हाईवे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा, जिससे पंजाब, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के बीच यात्रा और सुगम होगी।
भूमि अधिग्रहण की स्थिति
- हाईवे के लिए 95% भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है।
- पैकेज-2 के तहत 33.043 किलोमीटर में से 29.5 किलोमीटर भूमि पहले ही NHAI को सौंप दी गई है।
- बरनाला जिले में 12.2 किलोमीटर और बठिंडा में 13.2 किलोमीटर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
- लुधियाना जिले में 45.243 किलोमीटर के लिए कुल 323.52 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी, जिसके लिए 544.36 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
हाईवे के दोबारा शुरू होने से स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
लंबे समय से रुकी इस परियोजना के दोबारा शुरू होने से स्थानीय लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। लुधियाना-बठिंडा हाईवे के निर्माण से न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी में भी सुधार आएगा।
NHAI अधिकारियों के अनुसार, इस हाईवे से पंजाब के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को भी फायदा होगा, क्योंकि व्यापार और माल ढुलाई के लिए एक तेज और सुगम मार्ग उपलब्ध होगा।
प्रशासनिक अधिकारियों की राय
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के संयुक्त निदेशक रविंद्र ठाकुर ने कहा कि “हाईवे निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार और प्रशासन ने मिलकर भूमि अधिग्रहण की बाधाओं को दूर कर दिया है, जिससे यह परियोजना अब पूरी तरह से ट्रैक पर आ गई है।
हाईवे से मिलने वाले लाभ
नई नौकरियों के अवसर
- इस परियोजना के कारण कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय मजदूरों और इंजीनियरों को रोजगार मिलेगा, और हाईवे बन जाने के बाद लॉजिस्टिक्स, टोल प्लाजा, पेट्रोल पंप और ढाबों से भी रोजगार के नए अवसर बनेंगे।
बेहतर कनेक्टिविटी
- लुधियाना, बरनाला और बठिंडा जिले अब इस हाईवे से सीधे जुड़ जाएंगे, जिससे यात्रा में आसानी होगी और स्थानीय लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी।
आर्थिक विकास में वृद्धि
- इस हाईवे से व्यापार, उद्योग और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। हाईवे बनने के बाद ट्रांसपोर्ट की लागत कम होगी और किसान अपनी उपज को आसानी से बाजारों तक पहुंचा सकेंगे।
यात्रा का समय होगा कम
- हाईवे बनने के बाद लुधियाना से बठिंडा जाने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा, जिससे लोगों को तेज और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
- इस हाईवे परियोजना से आसपास के क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क का भी विस्तार होगा। इससे अन्य छोटे कस्बों और गांवों की सड़कों की गुणवत्ता में सुधार होगा और नया इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा।