इस्लामाबाद। पाकिस्तान का पंजाब प्रांत इस समय दशकों बाद आई सबसे भीषण बाढ़ की मार झेल रहा है। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। शनिवार को सामने आई ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, तेज बारिश और फ्लैश फ्लड के चलते 28 और लोगों की मौत हो गई। शहरी इलाकों में भारी जलजमाव की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। पंजाब प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के आंकड़े बताते हैं कि सतलुज, रावी और चिनाब नदियों में उफान से अब तक 1,769 मौजों में 14.6 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
पाकिस्तान मौसम विभाग (PMD) ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं। विभाग ने पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा (KP), पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, इस्लामाबाद और पोटोहार क्षेत्र में मूसलधार बारिश, तेज आंधी और तूफान की आशंका जताई है। इसके कारण फ्लैश फ्लड, शहरी बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बन सकती है। वहीं उत्तर-पूर्वी बलूचिस्तान, दक्षिण-पूर्वी सिंध और गिलगित-बाल्टिस्तान में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
बाढ़ से सबसे ज्यादा खतरे वाले इलाके
PMD का कहना है कि उत्तरी KP, मुर्री, गल्लियत, रावलपिंडी और उत्तर-पूर्वी पंजाब के नालों-धाराओं में अचानक बाढ़ आ सकती है। इसके अलावा, लाहौर, गुजरांवाला और सियालकोट जैसे निचले क्षेत्रों में शहरी बाढ़ का गंभीर खतरा है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और मलबा खिसकने से सड़कों पर आवाजाही भी प्रभावित हो सकती है।
रावी और सतलुज ने बढ़ाया संकट
PDMA ने ओकारा और साहीवाल जिलों के लिए भी चेतावनी जारी की है। प्राधिकरण के अनुसार, रावी नदी का बढ़ता जलस्तर अगले 36 घंटों में सदानी इलाके को डुबो सकता है। जानकारी के मुताबिक, जब बल्लोकी में पानी का स्तर और ऊंचा होगा तो वहां के तटबंध टूटने का खतरा और बढ़ जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि प्रशासन ने कसूर शहर को बाढ़ से बचाने के लिए जानबूझकर RRA-1 तटबंध तोड़ दिया। दरअसल, सतलुज नदी का स्तर 1955 के बाद पहली बार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। शुक्रवार को बाढ़ का पानी देश के दूसरे सबसे बड़े शहर लाहौर तक पहुंच गया था। साथ ही झंग जैसे बड़े कस्बों को डूबने का खतरा मंडरा रहा है। यह इलाका करीब 40 साल में सबसे खतरनाक बाढ़ से जूझ रहा है।
चिनाब नदी पर रेड अलर्ट
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने सियालकोट जिले के हेड मराला क्षेत्र में चिनाब नदी के लिए बाढ़ का रेड अलर्ट जारी किया है। लोगों को SMS के जरिए चेतावनी संदेश भेजे जा रहे हैं। मराला, खांकी और कादिराबाद हेडवर्क्स पर भी पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे ऊंचे बाढ़ स्तर का खतरा मंडरा रहा है। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहने की अपील की है।