Income Tax Rule: सरकार के ज़रिए पिता-दादा प्रॉपर्टी ट्रांसफर को लेकर समय-समय पर बदलाव कर रहे हैं। जिसके बाद कई लोगों को इसका नुकसान हो रहा है तो कई लोगों को इसका फ़ायदा भी मिल रहा है। इसी सिलसिले में मेरठ के रहने वाले शुभम शुक्ला को जून 2024 में अपने पिता से 50 लाख का घर मिला। उनके पास पहले से ही एक घर है, वो जानना चाहते हैं कि क्या इसे इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाना ज़रूरी है। एक्सपर्ट से बातचीत में कुछ जानकारियाँ सामने आई हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

उपहारों पर कर नियम क्या हैं?
वहीं, विशेषज्ञ ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को विरासत में कोई संपत्ति मिलती है, तो उस पर टैक्स देने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन, अगर आप माता-पिता या दादा-दादी से मिली संपत्ति बेचते हैं, तो आपको टैक्स देना होगा। आयकर अधिनियम की धारा 56(2(x)) के अनुसार, अगर किसी वित्तीय वर्ष में मिले कुल उपहार का कुल मूल्य 50 हज़ार रुपये से ज़्यादा है, तो उसे आय माना जाता है।
वसीयत में कोई संपत्ति प्राप्त नहीं हुई
जानकारी में, विशेषज्ञ ने बताया कि वसीयत में मिली संपत्ति को आय नहीं माना जाता। इस पर कर लगाने या कर लाभ का कोई सवाल ही नहीं उठता। ऐसे में शुभम शुक्ला को अपनी आयकर रिटर्न में इस संपत्ति का खुलासा करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन जिस वित्तीय वर्ष में करदाता की आय एक करोड़ रुपये से ज़्यादा है, उसे कुछ विशेष संपत्ति और देनदारी का खुलासा आईटीआर में करना ज़रूरी है। इसकी सीमा 50 लाख रुपये थी।

अगर आपके पास 1 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति है तो क्या करें?
वहीं, अगर किसी व्यक्ति की आय एक वित्तीय वर्ष में एक करोड़ रुपये से ज़्यादा है, तो उसे आयकर रिटर्न की अनुसूची AL में अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी देनी होगी। चूँकि शुभम शुक्ला के पास वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन एक से ज़्यादा हाउस प्रॉपर्टी हैं, इसलिए उन्हें ITR 3 फॉर्म भरना होगा। ऐसा करने पर वह सेक्शन 44DA के तहत डॉक्टरों के लिए पेश की गई टैक्स कटौती योजना का लाभ उठाने के हकदार हो जाएँगे।