रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के तियानजिन शहर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं। वहां जाने से पहले ही उन्होंने अमेरिका और भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर तीखा हमला बोला। चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ को दिए इंटरव्यू में पुतिन ने कहा कि रूस और चीन मिलकर BRICS को और मजबूत बनाने और दुनिया के सामने नए विकल्प देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने साफ तौर पर अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे भेदभावपूर्ण कदम न केवल सदस्य देशों बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय की सामाजिक और आर्थिक प्रगति को रोकते हैं। पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया है जब 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चलने वाले SCO शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी तय मानी जा रही है।
BRICS पर पुतिन का रुख
पुतिन ने कहा कि रूस और चीन मिलकर BRICS को वैश्विक व्यवस्था का एक अहम स्तंभ बना रहे हैं। उनका मानना है कि यह संगठन अब केवल सहयोग का मंच नहीं बल्कि वैश्विक चुनौतियों का समाधान देने वाला प्लेटफॉर्म बन चुका है। उन्होंने बताया कि BRICS का मकसद सदस्य देशों को आर्थिक अवसर देना और रणनीतिक क्षेत्रों में साझेदारी के नए रास्ते खोलना है।
IMF और वर्ल्ड बैंक पर सवाल
इंटरव्यू में पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं को लेकर भी सख्त टिप्पणी की। उनके अनुसार, IMF और विश्व बैंक में बड़े सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक ऐसा वित्तीय ढांचा तैयार होना चाहिए जो समानता और निष्पक्षता पर आधारित हो, जहां हर देश को बराबरी का मौका मिले। पुतिन का कहना था कि अब वित्तीय तंत्र को “औपनिवेशिक हथियार” की तरह इस्तेमाल करने का दौर खत्म होना चाहिए।
G20 और ग्लोबल साउथ
रूसी राष्ट्रपति ने G20 में चीन की भूमिका की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि चीन और रूस ने मिलकर G20 के एजेंडे को ‘ग्लोबल साउथ’ की प्राथमिकताओं के अनुरूप बनाने का काम किया है। उन्होंने अफ्रीकी संघ (African Union) को G20 में शामिल किए जाने का स्वागत किया और इसे BRICS समेत अन्य वैश्विक समूहों के बीच आपसी तालमेल के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।
